कुछ अच्छा करोगे तो बन जाती है खब़र -कुछ बुरा करोगे तो भी बन जाती है खबर-दोनों के चरित्र अलग-अलग
Delhi Dawn News
सहारनपुर। पुलिस का नाम आते ही भ्रष्ट होगा, बेईमान होगा, रिश्वतखोर होगा....जैसी पब्लिक में छवि है। ट्रैफिक पुलिस के बारे में तो आम आदमी की सोच है डंडा नहीं मारना, सिर्फ हाथ देना है,आपने हाथ दिया रूकने वाले ने तुरंत अपनी जेब में हाथ डाला,हो गया जुगाड़ू। ऊपर का जुगाड़ू हो गया। तन्खाह मॉ के साथ में या बीवी के हाथ में। दोनों एक ही बात कहती हैं मेरे घर में है ईमानदार।
बहुत कम खबर लिखता हुं पुलिस की, लेकिन आज अच्छा लग रहा है खब़र बनाते हुए।
घटना-मैं हसनपुर चौक से गुजर रहा था,देखा एक ट्रैफिक मैन वाहन चालकों को रोक रहा है,देखकर मैं रूका,दिमाग में वो ही छवि थी। मैंने देखा वाहन चालक निकल गया,दूसरे तीसरे को रोकता रहा,ये ट्रैफिक वाला। सब उसकी बात सुनते और निकल जाते।
मैं पहुंचा ट्रैफिक पुलिस वाले के पास,मैंने पुछा भाई साहब आप वाहनों को रोककर इन्हें क्या समझा रहे हो। सिपाही ने कहा आप पम्पलेट देखें बस ट्रैफिक नियम समझा रहा हुं।
तब मुझे लगा ये देश की बड़ी खबर हैं। ईमानदार, ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा जिंदा है।
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