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पेड़ से टपका आम, सीधे मुख्तयार अंसारी के मुंह में

 विरेन्द्र चौधरी

UP NEWS। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के जमाने में बेताज बादशाह रहा मुख्तयार अंसारी भाजपा के राज में भी बेताज बादशाह हैं। इसका उदाहरण है बांदा जिला कारागार। बांदा जेल में पेड़ से आम टपका और सीधा मुख्तयार अंसारी के मुंह में चला गया। 

मामला कुछ इस तरह का है कि सोमवार को जिला अधिकारी और एस पी बांदा ने रात के बारह बजे जेल पर छापा मारा। जेल के नियमों के अनुसार मुख्यद्वार पर 24 घंटे ताले रहते हैं सुरक्षा कारणों के कारण। सुत्रो के अनुसार बीते सोमवार रात के बारह बजें जिला अधिकारी और एस पी पुलिस ने बांदा जेल पर छापेमारी की,तो जिला कारागार के गेट खुलने में कुछ समय लगा। ताला खुलने की देरी पर जिला प्रशासन को कुछ शक हुआ। जिला प्रशासन द्वारा जेल की गहन जांच की,तो वहां मुख्तयार अंसारी की बैरग में आम और कीवी फल मिलें। जेल निरीक्षण के बाद जब जिला प्रशासन ने मुख्तयार अंसारी की बैरग में दशहरी आम और कीवी फल होने की जानकारी मांगी तो डिप्टी जेलर स्पष्टीकरण नहीं दे पाये। जिला प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार को भेज दी।  डीजी जेल आंनद कुमार ने डिप्टी जेलर सहित कुछ लोगों को बर्खास्त कर दिया।


अपुष्ट खबर के अनुसार इस छापेमारी के बाद डीआईजी ने स्वयं जांच की और एक टीवी चैनल के सवाल के जवाब में कहा  जेल में आम का पेड़ है,आम पकने के बाद गिर गया होगा जिसे मुख्तयार अंसारी ने उठा कर खा लिया। बाकि बांदा जेल में कोई आपत्ती जनक सामान नहीं मिला।

सवाल सरकार और प्रशासन के चरित्र का है,जिस जेल में डिप्टी जेलर और कुछ अन्य कर्मचारी सस्पेंड हो गये हों, वहां डीआईजी का कहना कुछ आपत्तिजनक नहीं मिला, जेल में आम का पेड़ है,आम पकने के बाद टपक गया। अंसारी ने खा लिया।


सवाल --क्या पेड़ से आम टपकने के बाद सीधा मुख्तयार अंसारी की बैरग में खुद चला गया या किसी ने पहुंचाया। जिला प्रशासन और मंडल प्रशासन के बयानों में अंतर है। उत्तर प्रदेश का पूरा जेल प्रशासन पूरी तरह भ्रष्ट हैं,ये तो सब जानते है। सवाल उत्तर चाहता है क्या जेल से राजनीति को भी कुछ प्रतिमाह मिलता है या.......सच ये है की पूरे उत्तर प्रदेश की जेलो में मिलाई से लेकर अंदर बंद कैदियों के लिए हर काम के अलग अलग रेट तय है।जो कैदी भुगतान नहीं कर पाते,उनका जीवन नर्क बना दिया जाता है।

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