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षड्यंत्र का शिकार न बने युवा-राष्ट्रसेवा में आगे आओ, अग्निवीर बनो-संगीत सोम

 षड्यंत्र का शिकार न बने युवा-राष्ट्रसेवा में आगे आओ, अग्निवीर बनो--संगीत सोम सेना

विरेन्द्र चौधरी /डीपी सिंह 

मेरठ। भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक संगीत सोम ने सरकार की अग्निवीर योजना को लेकर कहा कि यह योजना युवा और राष्ट्रहित में है। अग्निवीर योजना को लेकर देश के युवाओं को राजनीति का शिकार नहीं होना चाहिए।


संगीत सोम ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि मेरे प्यारे देशवासियो एवं मुख्यरूप से युवाशक्ति भाई - बहनों आपका भाई होने के नाते अपने सभी देश्ववासियों से सादर अनुरोध करना चाहता हूं कि केंद्र सरकार द्वारा युवाशक्ति एवं राष्ट्र को मजबूत और शक्तिशाली बनाने के हेतु वर्तमान में "अग्निपथ - योजना का शुभारंभ किया है, किंतु कुछ राष्ट्रविरोधी ताकतें एवं निकम्मा विपक्ष इस योजना का दुष्प्रचार से गुमराह करके अपने षड्यंत्र के तहत युवाशक्ति को भड़काकर देश आगजनी एवं शांति- व्यवस्था को बिगाड़ रहे है । मेरे देश का कोई भी बच्चा इससे सम्बंधित किसी भी राष्ट्रविरोधी आंदोलन, मीटिंग में या किसी भीड़ में शामिल ना हो । 

क्योंकि मेरे राष्ट्रभक्तो अगर आपका नाम किसी भी दंगे के मुकदमे में आता है, तो वह आपके आने वाले भविष्य के लिए बहुत बड़ा नुकसान हो जाएगा और हम नहीं चाहते है कि मेरे देश के किसी भी भाई - बहन का नाम किसी दंगे या किसी भी मुकदमे में आए । 

वैसे तो खबरों के माध्यम से हम सभी देख रहे है कि इन घटनाओं में राष्ट्रविरोधी ताकतें कैसे भड़काउं व्हाट्सएप्प ग्रुप एवं पोस्टों को शेयर करके भीड़ जुटाते है, फिर पैसे के दम पर लाएं गए असामाजिक तत्वों को भीड़ में घुसाते है और फिर योजना का दुष्प्रचार करके कुछ हमारे युवाओं को भड़काकर देश मे आगजनी एवं अशांति का माहौल उत्पन्न कर रहे है । 

भाजपा नेता ने इजरायल का उदाहरण देते हुए बताया कि एक बार इजराइल देश का अपने पडोसी देश से लगातार 30 दिनों तक युद्ध चलता रहा। इजराइल के सेनापति ने अपने देश के प्रधानमन्त्री को फोन किया, "सर हमारे हजारों सैनिक शहीद हो चुके हैं । अब हमारी सेना में केवल 40,000 सैनिक बचे हैं। दुश्मन की सेना में लगभग 2 लाख सैनिक हैं  यदि युद्ध दो दिन और चलता रहा तो हमारी हार निश्चित है। दुश्मन अपने देश पर कब्जा करके उसे अपना गुलाम बना सकता है।

इस आपातकाल में बडे धैर्य के साथ प्रधानमन्त्री ने टीवी पर केवल देश के विद्यार्थियों को सम्बोधित किया--डियर स्टूडैन्टस्, हमारे हजारों सैनिक युद्ध में शहीद हो चुके हैं। अब सेना में केवल 40,000 सैनिक बचे हैं। दुश्मन के पास लाखों सैनिक हैं। हमारी सेना पीछे हट रही है। देश गुलाम हो सकता है। अब केवल आप ही देश को बचा सकते हैं। आज आपका इजराइल देश आपसे आपकी शक्ति, आपका पराक्रम, आपका खून, आपका बलिदान मांग रहा है। आज रात 11 बजे आपके निकटतम रेलवे स्टेशन से स्पेशल रेलगाडी देश की सीमा पर जाएगी। आपसे मेरी हाथ जोड़ कर विनती है कि आप कॉपी, किताब, कलम छोड़ दीजिए। आपको जो भी अस्त्र-शस्त्र, भाला, बरछा, गंडासा, तलवार, गोली-बन्दूक मिले , उसे लेकर युद्ध भूमि पर पहुंच जाएं।

रात ही रात में 5,00,000 विद्यार्थी सीमा पर पहुंचकर युद्ध करने लगे। दुश्मन की सेना में खलबली और भगदड़ मच गई। उसके लाखों सैनिक मारे गए। इस प्रकार देश के विद्यार्थियों ने अपने देश को गुलाम होने से बचा लिया। सेनापति ने यह शुभ समाचार प्रधानमन्त्री को दिया। खुशी के मारे प्रधानमन्त्री की आंखों मे आंसू आ गए। परन्तु विद्यार्थियों ने इस विजय श्री का शुभ सेहरा अपने "महान प्रधानमन्त्री" के सिर पर रखा। उनका इस बात के लिए "आभार" प्रकट किया कि उनको देश के लिए कुछ करने का अवसर दिया है।

आज भ्रष्टाचार, राष्ट्रद्रोही, भ्रष्टनेता, जमाखोर, काला धन, आतंकवाद, विभाजन कारी, पाकिस्तान परस्त, चाइनीस पोपट वामपंथी और निकम्मे विपक्ष आदि राष्ट्रविरोधी ताकतें सब एक साथ मिलकर षड्यंत्र रचकर हमारे देश में लगातार आगजनी करके दंगे कर रहे हैं। इन सबसे लड़ने के लिए आज मै हाथ जोड़कर और सर झुकाकर आपको आह्वान कर रहा हूँ। इस संकट और आपातकाल में मै आपका 'समर्थन और सहयोग' चाहता हूं। आज आप देश के गद्दारों से देश के लिए खुद के लिए और आने वाली पीढ़ियों के लिए अपने देश को सुरक्षित रखिये । किसी के बहकावों में न आएं । योजना को अच्छे से जाने और अग्निवीर बनकर राष्ट्र को इन असामाजिक तत्वों को मुहंतोड़ जवाब दे ।

हम आशा ब्यक्त करते हुए कहा कि आप देशभक्तों के वंशज है और ये देश हमारी मां है । हम मां भारती के सम्मान की रक्षा में अपनी प्राणों का बलिदान दे सकते है । किसी भी असामाजिक तत्व एवं राष्ट्रविरोधी षड्यंत्रकारी ताकतों के मंसूबे कामयाब नही होने देंगे ।



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