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आखिर क्या मांग लिया मुकेश चौधरी ने योगी से

 नकुड़ क्षेत्र में फार्मासिटिक औधोगिक इकाईयां लगवाने के लिए विधायक मुकेश चौधरी ने की मुख्यमंत्री से वार्ता 

विरेन्द्र चौधरी /गगन त्यागी 


सहारनपुर। विधायक मुकेश चौधरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर नकुड विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए वार्ता करते हुए कहा कि नकुड क्षेत्र में 100 एकड़ भूमि अधिग्रहण कर फार्मासिटिक औधोगिक इकाईयों के लिए आरक्षित कर फार्मासिटिक औधोगिक क्षेत्र घोषित किया जाए। विधायक मुकेश चौधरी की बात पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि इस पर विचार किया जाएगा।


मुख्यमंत्री से बात करते हुए मुकेश चौधरी ने कहा कि अगर रूड़की पंचकूला हाईवे के दोनों तरफ 100 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर फार्मासिटिक औधोगिक इकाईयों के लिए आरक्षित कर दिया जाये तो तो फार्मास्युटिकल इकाईयों के स्थापित होने से उधोगपतियों को सहारनपुर से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। प्रदेश के भीतर ही औधोगिक इकाई स्थापित होगी। निवेशकों को भी प्रदेश में निवेश करने का मौका मिलेगा। क्षेत्रीय लोगों को रोजगार के साथ ही प्रदेश की आय बढ़ने की संभावना प्रबल होगी।

विधायक मुकेश चौधरी ने मुख्यमंत्री को क्षेत्रीय ग्राफ बताते हुए कहा DELHI NCR AREA  नकुड़ से मात्र ढ़ाई से तीन घंटे की दूरी पर है। नकुड़ से 10 किमी, हिमाचल से 50 किमी, उत्तराखंड से 50किमी, दिल्ली से 125 किमी व चढ़ीगढ 150 किमी है। नकुड़ में एयरपोर्ट के लिए जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। SAHARANPUR TO DELHI के लिए एलिवेटेड रोड का निर्माण तेजी से हो रहा है। नकुड़ से सभी राज्यों की सीमाएं नजदीक है। मुकेश चौधरी ने बताया कि तेज यातायात के लिए हाईवे का जाल बिछा हुआ है। उन्होंने कहा अगर नकुड में औधौगिक क्षेत्र घोषित किया गया तो पश्चिम उत्तर प्रदेश के कईं लोगों को लाभ मिलेगा। विधायक ने मुख्यमंत्री यहां MANGO AND AGRO PROCESING UNIT ,WODEN AND HANDICRAFTS से संबंधित क्लस्टर भी स्थापित किया जा सकता है।


अन्य विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए बात करते हुए मुख्यमंत्री को अवगत कराते हुए कहा कि तहसील बेहट में लगभग 4 लाख स्कवयेर किमी में शिवालिक वन प्रभाग क्षेत्र है। जिसे नया टाइगर रिजर्व क्षेत्र घोषित करने हेतु पूर्व में पत्राचार किया गया है। मुकेश ने जानकारी देते हुए बताया कि शिवालिक वन क्षेत्र क्षेत्र के बड़े हिस्से में वन गुर्जर बसे हुए हैं,जो मुस्लिम सम्प्रदाय से है। ये वन गुर्जर अवैध रूप से वन कटान करते हैं।इन वन गुर्जरों को शिवालिक वन प्रभाग क्षेत्र से अन्यत्र बसाया जाए और पूरे वन क्षेत्र को संरक्षित टाइगर रिजर्व क्षेत्र घोषित किया जाए। जिससे यहां पर्यावरण और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और आसपास के ग्रामीण लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

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