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शाम के बाद किसी महिला कर्मकार को काम के लिए ना किया जाए बाध्य -- सहायक निदेशक कारखाना

 किसी महिला कर्मकार को प्रातः 06ः00 बजे से पूर्व तथा सायं 07ः00 बजे के पश्चात कार्य करने हेतु बाध्य नहीं किया जायेगा। - सहायक निदेशक कारखाना

विरेन्द्र चौधरी 

सहारनपुर।सहायक निदेशक कारखाना श्री विवेक सारस्वत ने बताया कि किसी महिला कर्मकार को उसकी लिखित सहमति के बिना प्रातः 06ः00 बजे से पूर्व तथा सायं 07ः00 बजे के पश्चात कार्य करने हेतु बाध्य नहीं किया जायेगा। किसी महिला कर्मकार को सायं 07ः00 बजे से प्रातः 06ः00 बजे के मध्य उसके कार्य करने से इन्कार करने पर नियोजन से हटाया नहीं जायेगा। सायं 07ः00 बजे से प्रातः 06ः00 बजे के मध्य कार्यरत महिला कर्मकार को कारखाना के नियोजक द्वारा उसके निवास स्थान से कार्यस्थल तक आने और वापस जाने के लिए निःशुल्क परिवहन उपलब्ध कराया जायेगा।
श्री विवेक सारस्वत ने बताया कि सायं 07ः00 बजे से प्रातः 06ः00 बजे के मध्य कार्यरत महिला कर्मकार को कारखाना के नियोजक द्वारा भोजन उपलब्ध कराया जायेगा। सायं 07ः00 बजे से प्रातः 06ः00 बजे के मध्य कार्यरत महिला कर्मकार को कार्य के घण्टों तथा तत्संबंधी यात्रा के दौरान पर्याप्त पर्यवेक्षण उपलब्ध कराया जायेगा। नियोजक को कार्यस्थल के निकट शौचालय, प्रक्षालन, कक्ष, परिवर्तन कक्ष और पेयजल तथा सुविधाएं सुनिश्चित करनी होगी। सायं 07ः00 बजे से प्रातः 06ः00 बजे के मध्य कार्य करने के दौरान अन्यून चार महिला कर्मकारों को परिसर में अथवा किसी विशिष्ट विभाग में कार्य करने की अनुज्ञा प्रदान की जायेगी। नियोजक को महिला कर्मकारों के नियोजन के संबध्ंा में स्वयं द्वारा प्रस्तावित व्यवस्था विषयक सूचना संबंधित क्षेत्र के कारखाना  निरीक्षक को सत्यापन हेतु अधिकतम सात दिन की अवधि प्रदान करते हुए निरीक्षणार्थ देनी होगी।
नियोजक को रात्रिपाली के दौरान अभिनियोजित महिला कर्मकारों के विवरण के संबंध में संबंधित क्षेत्र के कारखाना निरीक्षक को इलेक्ट्रानिक रूप से या अन्यथा रीति से मासिक रिपोर्ट प्रेषित करनी होगी और किसी भी समय अप्रिय घटना होने पर संबंधित क्षेत्र के कारखाना निरीक्षक और साथ ही साथ स्थानीय पुलिस थाना को त्वरित रिपोर्ट प्रेषित करनी होगी। कारखाना निरीक्षकों को महिला कर्मकारों की र्का करने की निरापद दशाओं को प्रवर्तित करना होगा और समय-समय पर अपने निरीक्षण के अनुपालन में किये जाने का सावधानी पूर्वक संज्ञान लेना होगा। नियोजक को लैंगिक उत्पीडन को रोकने के लिए उचित कदम उठाना होगा। नियोजक को स्वयं कारखाना में महिलाआंे का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 या किन्हीं अन्य संबंधित अधिनियमितियों में यथाविहित रूप से स्वयं शिकायत तंत्र अनुरक्षित करना होगा। महिला कर्मकारों को विशिष्टता उनके अधिकारों के संबंध में यथा अपेक्षित मार्गदर्शी सिद्धान्तांे को प्रमुखतापूर्वक प्रदर्शित करते हुए अवगत कराया जायेगा। कारखाना के नियोजक द्वारा ऊपर विहित किसी शर्त का उल्लंघन किये जाने पर अनुमति स्वतः समाप्त हुई समझी जायेगी।

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