डी पी सिंह
सहारनपुर। पश्चिम उत्तर प्रदेश का दुर्भाग्य है यहां की जनता सो रही है, कुछ लोग जाग रहे हैं वो जागरूक नहीं हैं। कुछ लोग चिल्ला रहे हैं,8 करोड़ लोगों के लिए हक और न्याय की बात कर रहे हैं। अधिकतर लोग उनका साथ देने के बजाय उनका मजाक बनाते हैं। जबकि चिल्लाते लोगों से ये कोई नहीं पुछता,भाई आप चिल्ला क्यूं रहे हो। बस यही विडम्बना है पश्चिम प्रदेश की।
पश्चिम प्रदेश के कुछ संगठन चिल्ला रहे हैं, गांव -गांव जाकर बैठकें करते हैं, लोगों को उनके हकों और न्याय के लिए जागरूक करते हैं। उन्हें पश्चिम प्रदेश पृथक प्रदेश के फायदों के संबंधो के बारे में जानकारी देते हैं। लोग साथ चलने को तैयार भी है। लेकिन विडंबना यह भी है बंटे हुए हैं जिलों में, जातियों में, धर्मों में,अगड़ी-पिछड़ी जातियों में।
पश्चिम प्रदेश की जनसंख्या 8 करोड़ है, लेकिन अधिकांश सरकारी सुविधाएं पूर्वी उत्तर प्रदेश में है। अन्य प्रदेशों की तरह एम्स उत्तर प्रदेश में भी है, लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश से 700 से 800 किलोमीटर। शिक्षा के मंदिर सरकारी यूनिवर्सिटी अधिकतर पूर्व में है, पश्चिम प्रदेश में प्राइवेट यूनिवर्सिटी है, जहां लूट ही धंधा है।
पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष व भारतीय किसान यूनियन वर्मा के वरिष्ठ नेता विरेन्द्र चौधरी ने जारी ब्यान में कहा कि ने पश्चिम प्रदेश में जनसंख्या 8 करोड़ है,और हरियाणा की जनसंख्या लगभग 2 करोड़ है। लेकिन वहां जगह जगह मंडियां है जिसका लाभ किसानों को मिलता है। किसानों के लिए सरकारी योजनाएं हैं। हरियाणा के गन्नौर में अंतरराष्ट्रीय फल मंडी है जहां अंर्तराष्ट्रीय मंडी होने का लाभ किसानों को मिलता है। पश्चिम प्रदेश में एक भी अंतरराष्ट्रीय फल मंडी नहीं है। अगर पश्चिम प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय स्तर की फल मंडी हो तो यहां का किसान भी हजारों करोड़ के फलों का बिजनेस कर सकता है। उन्होंने कहा पश्चिम प्रदेश के लोगों को एकजुट होकर पश्चिम प्रदेश पृथक पश्चिम प्रदेश के लिए आंदोलन में पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा का साथ देना होगा।
विरेन्द्र चौधरी ने कहा कि अगर एक घर से एक व्यक्ति आंदोलन में खड़ा होकर दिल्ली की तरफ कूच कर जाये तो दिल्ली पहुंचने से पहले ही केन्द्र सरकार पृथक पश्चिम प्रदेश की घोषणा करने को मजबूर हो जायेगी। चौधरी ने कहा वकीलों और किसानों को एक होकर आंदोलन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा वकील वर्षों से हर शनिवार को आंदोलित रहते हैं, गन्ने के रेट को लेकर किसान भी। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि अब वकील,किसान और व्यापारियों के संगठित होने का सही वक्त है।
गगन त्यागी वरिष्ठ नेता पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा ने कहा कि वकील वर्षों से हाईकोर्ट बेंच के लिए आंदोलित है, लेकिन आज तलक सरकार के कानों में जूं नहीं रेंगी। दर्जनों संगठन अलग-अलग संगठनों के नाम से संघर्ष कर रहे हैं। फिर भी कोई बड़ा जनांदोलन नहीं कर सके। गगन त्यागी ने कहा इसके पिछे एक ही कारण है, हम लोग संगठित होकर लड़ने के बजाय अलग-अलग मुद्दों पर अलग- अलग लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा आप सब संगठित होकर लड़े तो निश्चित पश्चिम प्रदेश बनेगा। तब हाईकोर्ट, फल मंडी,एम्स, यूनिवर्सिटी सब अपने आप स्थापित हो जायेगी। उन्होंने पश्चिम प्रदेश के आठ करोड़ लोगों से अपील की पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में संगठित होकर लड़ाई लड़ें, ताकि 8 करोड़ लोगों को न्याय मिल सके।
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