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कन्हैया अखलाक पहलू की हत्या इस बात का प्रमाण के धर्म जोड़ता नहीं तोड़ता है--एडवोकेट इन्तखाब आजाद

 कन्हैया अखलाक पहलू की हत्या इस बात का  प्रमाण के धर्म जोड़ता नहीं तोड़ता है--एडवोकेट इन्तखाब आजाद

  उदयपुर मे कन्हैयालाल हत्याकांड की  मुस्लिम समाज ने की कड़े शब्दों में निंदा और सख्त कार्रवाई की मांग--डॉक्टर अल्लामा इकबाल की इस बात मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना........को हत्यारों ने किया कलंकित


सहारनपुर। धर्म के नाम पर पहले अखलाक, जुनैद, पहलू खान, तबरेज अंसारी और अब कन्हैयालाल की निर्मम और बर्बरता पूर्वक की गई हत्या इस बात का जीता जागता प्रमाण है, कि धर्म जोड़ता नहीं बल्कि तोड़ता है। आज भारत में सांप्रदायिक उन्माद अपने चरम पर है। यदि हम जमीनी हकीकत को देखें,तो उससे स्पष्ट होता है, कि भारत की संपूर्ण राजनीतिक, सामाजिक व्यवस्था धर्म और धार्मिक उन्माद के इर्द-गिर्द घूम रही है। साधु संत महात्मा हो या हजरत मौलवी मौलाना यह सब धर्म की आड़ में राजनीतिज्ञों के साथ मिलकर अपना राजनीतिक,आर्थिक और धार्मिक साम्राज्य खड़ा कर भारत की धन संपदा पर एकाधिकार जमाए हुए है और भारत का जो बहुजन मूलनिवासी समाज है यानी पिछड़ा वर्ग, चाहे वो मुसलमान हो या फिर हिंदू! उनके नौजवानों को इन्होंने धर्म की अफीम ऐसी चटा दी, कि वो धर्म के नाम पर अंधे होकर एक दूसरे की हत्या करने पर उतारू हैं। जिसका जीता जागता प्रमाण अखलाक, जुनैद, पहलू खान, तबरेज अंसारी और अब कन्हैयालाल की बर्बरता पूर्वक निर्मम हत्या है। ऊंची जाति के यह हिंदू मुस्लिम सिर्फ कड़े शब्दों में निंदा करके अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। लेकिन उन बेकसूरों का क्या होगा-? जो इस नफरत की भट्टी में जलकर अपना सबकुछ तबाह और बर्बाद कर चुके हैं।


■ संविधान और धर्म किसी भी बेगुनाह की हत्या की इजाजत नहीं देता। यदि किसी से कोई शिकवा, शिकायत है, तो संविधान के दायरे में रहकर आप प्रोटेस्ट करें।संबंधित आरोपी को सजा मुल्क के कानून के मुताबिक अदालत देगी। धर्म के ठेकेदारों और धर्म की अफीम चाट कर उन्मादी और सांप्रदायिक सोच रखने वाले यह चंद गुंडे कोई जज नही है ,जो कानून को हाथ मे लेकर किसी बेगुनाह को सजा देते हुए,उसे मौत के घाट उतारेगे, ऐसे लोगों पर जिन्होंने बेकसूर कन्हैयालाल, अखलाक, जुनैद, पहलू खान और तबरेज अंसारी जैसों की हत्या की है, उन्हें सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।

■ बेकसूर कन्हैयालाल की निर्मम हत्या पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जावेद साबरी, जिला पंचायत के पूर्व चेयरमैन माजिद अली, शहर काजी नदीम अख्तर, जामा मस्जिद के प्रबंधक और जमीयत उलेमा ए हिंद के नेता मौलवी फरीद मजाहिरी, सामाजिक कार्यकर्ता साबिर अली खान, एक्सपोर्टर जुनैद खान, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मुजफ्फर अली गुर्जर, नानौता से बसपा नेता और पूर्व चेयरमैन मौहम्मद अफजाल खान, ब्लाक प्रमुख मेहरबान मुखिया, जिला पंचायत सदस्य इमरान मलिक, पूर्व ब्लाक प्रमुख एहतेशाम गाडा, वरिष्ठ पार्षद मंसूर बदर,बसपा नेता तौसीफ मलिक, सपा नेता चौधरी अब्दुल गफूर, मिल्ली काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल मालिक मुगीसी, गंगोह से सपा नेता इरफान अलीम कुरैशी,सपा नेता मौहम्मद हुसैन जिलानी, सामाजिक कार्यकर्ता मजहर खान,प्रख्यात शायर बिलाल सहारनपुरी, सपा नेत्री रूही अंजुम, देवबंद से सिकंदर अली गाड़ा, देवबंद नगर पालिका से भावी चेयरमैन पद प्रत्याशी शाजिया नाज एडवोकेट, सामाजिक कार्यकर्ता शीबा सिद्दीकी, पिछड़ों के नेता गुलजार सलमानी, हाफिज सईद अहमद, एआईएमआईएम के जिला अध्यक्ष वसीम अहमद, सहारनपुर देहात से  प्रत्याशी रहे मरगूब हसन,गुड्डू राजा आदि धार्मिक और राजनीतिक लोगों ने इस जघन्य हत्याकांड की निंदा की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जावेद साबरी कहते हैं कि संविधान और इस्लाम किसी भी धर्म विशेष और व्यक्ति को यह इजाजत नहीं देता है कि किसी भी विवाद पर किसी बेगुनाह का कत्ल किया जाए। जावेद साबरी कहते हैं कि जब हमारे पास संविधान और पूरी शासन प्रशासन और न्यायिक व्यवस्था मौजूद है,तो फिर किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए, हम बेकसूर कन्हैया लाल हत्याकांड की सख्त निंदा करते हैं।

■ उपरोक्त सभी लोगों का कहना है के धार्मिक उन्माद में संलिप्त होकर इस तरह की हत्याओं को  अंजाम देने वालों के विरुद्ध चाहे वो मुस्लिम हो या फिर हिंदू! उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो और सरकार को भी ऐसे लोगों के विरुद्ध सख्त कानून बनाकर सख्त से सख्त सजा का प्रावधान करना चाहिए।

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