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महाराष्ट्र विधानसभा समय से पहले होगी भंग-जाने क्यूं

विशेष संवाददाता 

 बाला साहब ठाकरे ने हमेशा अपनी मुट्ठी बन्द रखी और रिमोट अपने हाथ में रखा. उन्होंने कभी मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहा।उद्धव ठाकरे ने मुट्ठी खोल कर हथेली फैला दी. मुख्यमंत्री बनते ही रिमोट उनके हाथ से फिसल गया।


यही नहीं उन्होंने राजनीतिकरूप से 'बालक' आदित्य ठाकरे को उत्तराधिकार सौंपने की जल्दबाजी दिखाई। इससे ऑटोरिक्शा ड्राइवर से शिवसेना के कद्दावर नेता बने एकनाथ शिंदे का नाराज होना स्वाभाविक था।

स्वास्थ्यगत कारणों से उद्धव विधायकों से मिलते-जुलते भी नहीं थे और सत्ता को स्थिर रखने के लिये वे अपने विधायकों और मंत्रियों से ज्यादा महत्व एनसीपी और कांग्रेस के विधायकों और मंत्रियों को दे रहे थे।शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे के निर्देशों का पालन उन्हीं के विभाग के सचिव नहीं कर रहे थे।दूसरी ओर अमित शाह प्रवर्तन निदेशालय ( ED) के माध्यम से अपना खेला खेल रहे थे।

ED ने एनसीपी के दो कद्दावर मंत्रियों को जेल में बंद करवा रखा है और शिवसेना के 15-20 विधायकों पर ED के समन की तलवार लटक रही है।शरद पवार जैसे धाकड़ नेता अपने दोनों मंत्रियों को आज तक जेल से बाहर नहीं ला पाए और ED उद्धव ठाकरे की बहन और अन्य रिश्तेदारों तक पहुँच गयी, लेकिन उद्धव भी कुछ नहीं कर पाए।

महाराष्ट्र में जो खेला हो रहा है उसका सबसे बड़ा विलेन ED और केंद्रीय जांच एजेंसियां ही हैं। शिवसेना के विधायकों के मन में यह भय समा गया है कि उन्होंने बीजेपी का साथ नहीं दिया तो ED उन्हें जेल के पीछे पहुँचा देगी क्योंकि दामन किसी का भी साफ नहीं है।

परिणामस्वरूप शिवसेना का शेर आज मातोश्री में तन्हा है. बीजेपी का उद्देश्य ठीक वही है जो उसने गोआ में महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी को खत्म कर के किया।बीजेपी यानी मोदी-शाह की रणनीति है कि शिवसेना के शेर को 'नख-दंत' विहीन कर दिया जाए और उस मरियल शेर को पिंजरे में बंद कर के रखा जाए तथा जीवित रहने के लिये कुछ टुकड़े उसके सामने डालते रहें।

बीजेपी का एक बड़ा उद्देश्य यह है कि बॉम्बे म्युनिसिपल कारपोरेशन (BMC) से शिवसेना का वर्चस्व हमेशा के लिये समाप्त कर दिया जाए। BMC का बजट देश के कई छोटे राज्यों के बजट से भी अधिक है. मुम्बई सत्ता ही नहीं पूंजी का भी गढ़ है. इसपर शिवसेना का नहीं बीजेपी का झंडा फहराना मोदी-शाह का परम उद्देश्य है।

एक बार सत्ता हाथ में आ जाये तो मोदी-शाह अपनी सुविधा से महाराष्ट्र की विधानसभा को भंग करवा कर वहां नए चुनाव करवाएंगे और बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनवाएंगे.

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