Ticker

6/recent/ticker-posts

इमरान मसूद के कार्यकर्ता एवं सपा के पूर्व जिला अध्यक्ष के प्रोपगंडा में कितना सच--इन्तखाब आज़ाद

 इमरान मसूद के कार्यकर्ता एवं सपा के पूर्व जिला अध्यक्ष के प्रोपगंडा में कितना सच

इन्तखाब आज़ाद 

     सहारनपुर【उत्तर प्रदेश】 भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मौहम्मद साहब के संबंध में की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध स्वरूप 10 जून को हुए धरना प्रदर्शन में शामिल युवकों की धरपकड़ और उसके बाद हुई रिहाई को लेकर पूर्व विधायक इमरान मसूद के कार्यकर्ता और सपा के पूर्व जिला अध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर एक फोटो डाला और उसमें लिखा, कि हमारी कयादत  जनाब इमरान मसूद साहब तत्कालीन पुलिस कप्तान आकाश तोमर के साथ बैठकर 169 की कार्रवाई करते हुए, जिनके प्रयासों से इन बेगुनाहों की रिहाई हुई है।

■ सोशल मीडिया पर जैसे ही यह फोटो इमरान मसूद के कार्यकर्ता ने डाला, वैसे ही समाज के जागरूक और संघर्षशील लोग भी मैदान में आ गए और उन्होंने अपनी पड़ताल कर दूध का दूध पानी का पानी कर दिया, जिसके तहत बताया गया, कि यह फोटो 169 की कार्रवाई से संबंधित नहीं है बल्कि यह फोटो उस वक्त का है, कि जब इमरान मसूद को प्रशासन द्वारा नोटिस दिया गया, कि आपका घर / कार्यालय  सरकारी भूमि पर कब्जा करके अवैध रूप से बनाया हुआ है, तो इसी प्रकरण से संबंधित कागजात दिखाने के लिए इमरान मसूद पुलिस कप्तान के पास गए थे। लेकिन जैसे ही अदालत ने 10 जून की घटना में पाबंद बेगुनाहों के मुकदमे खारिज कर, उनको रिहा किया, तो उनके एक कार्यकर्ता ने अवाम को गुमराह करते हुए सस्ती लोकप्रियता की खातिर यह पुराना फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया, जिससे इस कार्यकर्ता ने इमरान मसूद जैसे सच्चे, अच्छे और बेइंतहा ईमानदार व्यक्ति की छवि को और भी धूमिल कर दिया।
■ 10 जून की घटना से संबंधित प्रकरण में जब इमरान मसूद पुलिस कप्तान से मिले, तब उन्होंने जैकेट नहीं पहन रखी थी। आप इस फोटो मे खुद देख सकते हैं, कि पुलिस लाइन में,पुलिस कप्तान से मिलने के बाद मीडिया को बाइट देते वक्त इमरान मसूद सिर्फ कुर्ता पजामा पहने है और उनके ऊपर कोई जैकेट नहीं है, जबकि पुलिस कप्तान के पास जिस पोशाक में बैठे हैं, उसमें जैकेट पहनी हुई है, जो खुद इमरान मसूद के कार्यकर्ता द्वारा सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की खातिर सोशल मीडिया पर डाली गई फोटो के बीच विरोधाभास की झूठी कहानी ब्यान कर रही है। अब आवाम की समझ में एक बात नहीं आ रही है ,कि यह  नेता, जो आज सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की खातिर ओछे हथकंडे अपना कर दुष्प्रचार कर रहे हैं, यह सब मिलकर इन बेगुनाहों को जेल जाने से क्यों नहीं रोक पाए--?हाल ही मे माननीय न्यायालय ने इन बेगुनाह युवको को बाइज्जत बरी कर, रिहा  दिया है। इस तरह के फोटो वायरल करने वाले यह लोग यदि अपने फार्म हाउस/कलियर  शरीफ मे उस वक्त कव्वालियों का मजा छोड़कर,यहां पुलिस प्रशासन के समक्ष इस पूरे प्रकरण को सही से पेश कर देते, तो ना तो यह बेगुनाह जेल में जाते और ना ही इनकी पुलिस हवालात मे बर्बरता पूर्वक पिटाई होती है। अब आप खुद ही सहज अंदाजा लगा सकते हैं,कि इमरान मसूद के कार्यकर्ता एवं सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष के प्रोपेगेंडा में कितना सच और कितना झूठ है।

Post a Comment

0 Comments