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देश कमजोर मानसिकता वालों के हाथों में -व्यवस्था परिवर्तन जरूरी --भगत सिंह वर्मा

 विरेन्द्र चौधरी 

सहारनपुर।खिलाड़ी हमेशा जीतने के लिए खेल के मैदान में उतरता है। खिलाड़ी एक ऐसा चरित्र है जो हारने वाले खिलाड़ी से हाथ मिलाता है,उसे गले लगाता है। खिलाड़ी का व्यवहार साबित करता है खेल खत्म प्रतिस्पर्धा खत्म। ये खिलाड़ी का राष्ट्रीय व सामाजिक चरित्र है। आज देश में राजनीतिक हालात इतने बदल गये है, राजनीतिक दुश्मनियां निकाली जा रही हैं। लगता है देश में अघोषित एमरजेंसी है। सत्ता के लालच में विपक्ष को कमजोर नहीं उसका समूल नष्ट करने की कोशिश जारी है। सच तो यह है जिसे प्रकृति ने जन्म दिया है उसका समूल प्रकृति के अलावा कोई नष्ट नहीं कर सकता। आज प्रकृति के सिद्धांतों के साये में देश की व्यवस्था को बदलने के लिए राष्ट्रीय चिंतक भगत सिंह वर्मा और रविन्द्र गुर्जर राष्ट्रीय खिलाड़ी विनोद पहलवान,पदम पहलवान व युधिष्ठिर पहलवान व वैचारिक क्रांति के अग्रणी विरेन्द्र चौधरी की एक गंभीर वार्ता हुई जो लगातार पांच घंटे चली। वार्ता में तय पाया गया कि देश कमजोर मानसिकता वालों के हाथों में चला गया है।जिससे एकता अखंडता खतरे में पड़ गयी है। 

इस अवसर पर भगत सिंह वर्मा ने कहा खेल के मैदान से बाहर निकल कर आज खिलाड़ी देश में व्यवस्था परिवर्तन के लिए निकल पड़े हैं,ये हर्ष का विषय है। भगत सिंह वर्मा ने कहा देश कमजोर मानसिकता वालों के हाथों में है। देश को स्वस्थ शरीर, स्वस्थ विचार, स्वस्थ मानसिकता के लोग ही विकास की ओर ले जा सकते हैं। उन्होंने कहा सही वक्त पर देश के खिलाड़ी व्यवस्था को लेकर संघर्ष को निकले हैं, पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन वर्मा खिलाड़ियों के मार्गदर्शन के लिए तैयार हैं।

       भारतीय किसान यूनियन वर्मा के वरिष्ठ नेता चौधरी रविन्द्र गुर्जर ने कहा कि आज देश को ऐसे लोगों की आवश्यकता है जो देश को एकता के सुत्र में बांध सके। क्योंकि मौजूदा राजनीति धर्म और जातियों की राजनीति कर देश को कमजोर कर रही है।

        संयुक्त खेल मोर्चा के विनोद पहलवान ने कहा देश की प्राइवेट संपत्ति की कीमत 8000 लाख करोड़ है,जिसका 73 प्रतिशत केवल १३ लाख लोगों के पास है। ये असमानता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। देश का किसान और खिलाड़ी ही देश को आगे ले जा सकता है, सरकारें इन दोनों का ही शोषण कर रही है। जिसके खिलाफ संयुक्त खेल मोर्चा खिलाड़ियों, किसानों व आम नागरिक का शोषण नहीं होने देगी।

     पदम पहलवान ने कहा आज सरकार प्राईवेटकरण करके चंद लोगों को लाभ पहुंचा रही है। उन्होंने कहा सरकार झूठ बोलती है कि पैसा नहीं है। जबकि पैसा देश के अंदर ही है। लेकिन सरकार की नियत आम आदमी के लिए नहीं है, सिर्फ उधोगपतियों के लिए है। इसीलिए आज आदमी को संगठित होकर संघर्ष करना होगा।

युधिष्ठिर पहलवान ने अपने विचार रखते हुए कहा कि भारतीय किसान यूनियन वर्मा और पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा लंबे समय से मजबूती के साथ संघर्ष कर रहा है, इसीलिए वे भगत सिंह वर्मा के पास आते हैं कि उन्हें सुदृढ़ मार्गदर्शन मिल सके।

PPMM के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष विरेन्द्र चौधरी ने कहा किसान और खिलाड़ी देश की आत्मा है और सरकारें किसान के वोट से ही बनती है। इन्हीं का शोषण करती है। क्योंकि किसान बंटा हुआं है। उन्होंने कहा संयुक्त खेल मोर्चा के संघर्ष में हम साथ हैं। क्योंकि आज देश को राष्ट्रभक्तों की जरूरत है।


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