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कार्यो में लापरवाही और ढिलाई बर्दाश्त नहीं:--नगरायुक्त

 कार्यो में लापरवाही और ढिलाई बर्दाश्त नहीं:--नगरायुक्त--नगरायुक्त गजल भारद्वाज  ने किया निगम के सभी विभागों का निरीक्षण

विरेन्द्र चौधरी 

सहारनपुर, नगरायुक्त गजल भारद्वाज ने ब्रहस्पतिवार की सुबह नगर निगम के सभी कार्यालयों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों को कार्य विभाजन का चार्ट और मूवमेंट रजिस्टर बनाने, सभी अधिकारियों व लिपिकों के कार्य उनके पदनाम के साथ पटल पर प्रदर्श करने के निर्देश दिए। उन्होंने कार्यालयों की अन्य व्यवस्थाएं दुरुस्त करने और कार्यालयों की स्थिति सुधारने व गरिमा बनाये रखने के भी  निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि कार्य में लापरवाही और ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जायेगी। नगरायुक्त गजल भारद्वाज सुबह दस बजे कार्यालय पहुंची और निगम के सभी विभागों का निरीक्षण किया। 

उन्होंने सबसे पहले जलकल विभाग का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सभी अधिकारियों व स्टाफ की उपस्थिति और कार्य विभाजन की जानकारी ली। अधिशासी अभियंता सुशील सिंघल ने बताया कि एक जेई आफिस कार्य से लखनऊ गये है तथा दूसरे फील्ड में हैं। उन्होंने निर्देशित किया कि इस पर मूवमेंट रजिस्टर बनाकर उसमें एंट्री दर्ज कराई जाए।नगरायुक्त ने महाप्रबंधक जल कल मनोज आर्य को निर्देश दिए कि कार्य विभाजन की सूची उन्हें उपलब्ध करायी जाएं तथा सभी अधिकारियों जेई व लिपिकों के कार्य उनके पदनाम के साथ पटल पर प्रदर्श किया जाएं। उन्होंने मूवमेंट रजिस्टर बनाने के भी निर्देश दिए। निर्माण विभाग का निरीक्षण करते हुए निर्माण कार्यालय के मुख्य अभियंता निर्माण कैलाश सिंह को भी सभी अधिकारियों, जेई व लिपिकों के कार्य और पदनाम पटल पर प्रदर्श करने और मूवमेंट रजिस्टर बनाने के निर्देश दिए। 

स्वास्थय विभाग में उन्होंने समस्त कर्मचारियों के रेकॉर्ड के रखरखाव की जानकारी ली और कंप्लायंस रिपोर्ट मांगी की किसी कर्मचारी के पेंशन, मेडिकल संबंधी कोई फ़ाइल पेंडिंग नही है।  उन्होंने फाइलों का निरीक्षण करते हुए कहा कि सभी फाइलों पर डेट डालनी शुरु करे। नगरायुक्त को बताया गया कि सीएलसी के माध्यम से 1358 कर्मचारी कार्यरत है। नगरायुक्त ने नगर स्वास्थय अधिकारी डॉ.कुनाल जैन को निर्देश दिए कि वे कर्मचारियों की पेंशन, मेडिकल आदि के सम्बंध में पूरा विवरण उपलब्ध कराएं। उन्होंने स्वास्थय विभाग में सभी का कार्य विभाजन व पदनाम आदि पटल पर प्रदर्शित करने के निर्देश दिए।

रिकॉर्ड रुम निरीक्षण के दौरान उन्होंने स्टॉक रजिस्टर देखा और स्टेबलिशमेंट रजिस्टर के सम्बंध में पूछते हुए गार्ड फाइल बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों द्वारा पिछली बार किये गए निरीक्षण की रिपोर्ट भी मांगी। उन्होंने पुरानी अलमारियों को पेंट कराकर कार्यालय को व्यवस्थित करने के निर्देश दिए। 

नगरायुक्त ने जन्म मृत्यु कार्यालय का निरीक्षण करते हुए जानकारी चाही कि कल  कितने प्रार्थना पत्र आये और उनका क्या निस्तारणा किया गया है। अपर नगरायुक्त राजेश यादव ने बताया कि दो दिन में सभी का निस्तारण हो जाता है, इस समय कोई प्रार्थना पत्र लंबित नहीं है। उन्होने ऑन लाइन कार्य की भी जानकारी ली। जन्म मृत्यु कार्यालय के बाहर बरामदे में खड़ी एक बाइक देखकर नगरायुक्त ने नाराजगी जतायी और बाइक के स्वामी लिपिक अंकित पर दो हजार रुपये जुर्माना लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कार्यालय की एक गरिमा होती है और सभी  का दायित्व है कि उस गरिमा को बनाये रखें। 

हाउस टैक्स विभाग में उन्होंने पूछा कि कमर्शियल टैक्स कितने भवनों से आ रहा है तथा अभी कितने भवन बाकि है जिनसे टैक्स नहीं वसूला जा रहा है। कर निर्धारण अधिकारी दिनेश यादव ने बताया कि 38,000 भवनों से कमर्शियल टैक्स वसूला जा रहा है। पूछे जाने पर मुख्य कर निर्धारण अधिकारी रवीश चौधरी ने बताया कि भवनों का आखरी बार सर्वे 2015 में हुआ था, लेकिन समय समय पर निगम नये भवनों को टैक्स के दायरे में लाता रहता है। गत माह कितना कमर्शियल टैक्स वसूला गया था, कर निर्धारण अधिकारी द्वारा इसका उत्तर न देने  पर नगरायुक्त ने कहा कि अधिकारियों के टिप्स पर यह सब जानकारी रहनी चाहिए। उन्होंने शुक्रवार तक सब विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कार्य  में  किसी तरह की लापरवाही व ढिलाई नहीं चलेगी। 

सम्पत्ति विभाग का निरीक्षण करने के दौरान उन्होंने सम्पत्ति रजिस्टर का निरीक्षण  किया। उन्होंने प्रभारी सम्पत्ति श्री दिनेश यादव तथा अपर नगरायुक्त श्री राजेश से पूछा कि गत निरीक्षण कब किया गया था। संज्ञान में आया कि प्रभारी संपत्ति द्वारा अब तक कोई निरीक्षण नही किया गया तथा सम्पति रजिस्टर पर अंकित रिकॉर्ड के संबंध में भी कोई जानकारी नही दे सके। अपर नगर आयुक्त ने पूछने पर बताया कि  6 माह पहले उनके निरीक्षण पर भी ऐसी स्थिति पाई थी। इस पर उन्होंने प्रभारी अधिकारी संपत्ति से पिछले दो वर्ष में अधिकारियों द्वारा किये गए निरीक्षण का ब्यौरा भी मांगा और गार्ड फाइल बनाने के निर्देश दिए। पुराने जीर्ण शीर्ण फर्नीचर को तुरंत हटाने तथा अलमारियों को पंेट कराकर कार्यालय को व्यवस्थित करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि निगम की कितनी सम्पत्तियां है, कितनी कब्जा मुक्त करायी गयी है और अभी कितनी सम्पत्तियों पर लोगों का कब्जा है, इस सबका विवरण तैयार कर उपलब्ध कराने के निर्देश नगरायुक्त ने दिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने विद्युत विभाग, एकाउंट विभाग व आईटी विभाग का भी निरीक्षण किया।


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