कौन है ये प्रधान जो गांव के लिए पागल हो गया--गांव को शहर में बदलने का जुनून - गुमनाम लिंक रोड़ पर अपनी जेब से बनवा दिया प्रवेश द्वार - प्राइमरी शिक्षा को बेहतर बनाना लक्ष्य
विरेन्द्र चौधरी
सहारनपुर। रामपुर मनिहारान ब्लाक के गांव धारकी का प्रधान है रोहित गुर्जर। उत्तर प्रदेश के प्रधानों में सबसे युवा। गांव के विकास के लिए दिवानगी, पागलपन जुनून की हद तक।
जी हां कल जब हम धारकी गांव से गुजरे,तो मुख्य मार्ग से गांव के लिंक मार्ग पर एक बड़ा गेट "प्रवेश द्वार" दिखाई पड़ा। अक्सर जब वहां से गुजरते थे तो पता ही नहीं चलता था कि गांव कब गुजर गया। गुमनाम सा रास्ता था।कल एक बड़े प्रवेश द्वार को देखकर मन में जिज्ञासा उत्पन्न हुई तो हम प्रधान से मिलने पहुंचे।
रोहित गुर्जर प्रधान धारकी की बैठक पर दो दर्जन से अधिक लोग बैठै थे। कोई आपसी मारपीट का मामला था।जिसे लेकर युवा प्रधान रोहित कह रहा था,हम अपने गांव से कोई मुकदमा थाने में, अदालत में नहीं चाहते। आपका धन और समय खराब होगा। मामला गांव के बुजूर्गों के साये में निबट जाना चाहिए। ऐसा ही हो गया।
झगड़े के उपरांत हमनें रोहित प्रधान से प्रवेश द्वार के बारे में जानकारी चाही तो उन्होंने कहा मुख्य मार्ग से गांव की लिंक रोड़ का पता ही नहीं चलता था,अक्सर गांव वालों के मेहमान आगे निकल जाते थे। प्रधान बनने के बाद पता चला कि प्रवेश द्वार के लिए किसी निधी से पैसा नहीं मिल सकता तो मैंने और मेरे परिवार ने अपनी जेब से तीन लाख रूपये लगाकर प्रवेश द्वार का निर्माण कराया। सरकारी निधी से प्राइमरी स्कूल में एक बैटरा, इन्वर्टर लगवाया ताकि शिक्षार्थियों को गर्मी से राहत मिल सके। गांव की सड़कों पर टाइलें,पक्की नालियों का निर्माण कराया। अब पेयजलापूर्ति के लिए टंकी का निर्माण की योजना है।
रोहित प्रधान ने बताया कि उनका सपना था गांव में वो तमाम सुविधाएं हों जो ग्रामीणों को शहर की तरफ आकर्षित करती है। उसी सपने के तहत मैंने गांव को शहर में बदल दिया। गांव के आगामी विकास के लिए मैं निरंतर प्रयासरत रहुंगा। ऐसी दीवानगी देखी नहीं कहीं।
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