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POK से उठी आवाज़ पाकिस्तानी फौज गो बैक-वी वांट आज़ादी

 POK से उठी आवाज़ पाकिस्तानी फौज गो बैक-वी वांट आज़ादी--पाक के कब्जे वाले कश्मीर में होने लगे प्रदर्शन - संयुक्त राष्ट्र की गाड़ी को घेरकर की जबरदस्त नारेबाजी - लोड शेडिंग, मंहगाई और विदेशी कंपनी को खनन का ठेका देने से लोगों में रोष व्याप्त

विरेन्द्र चौधरी

नयी दिल्ली। पाक अधिकृत कश्मीर में अब आज़ादी के नारे लगने लगे हैं।एक ट्वीटर पर संयुक्त राष्ट्र की गाड़ी घेरकर पाक अधिकृत कश्मीर के प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए, पाकिस्तान फौज वापिस जाओ-वापिस जाओ,वी वांट आज़ादी आज़ादी,we want Azadi,की वीडियो वायरल हो रही है।


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाक अधिकृत कश्मीर में अब पाक सेना के खिलाफ प्रदर्शन होने लगे हैं। नारों में वहां के स्थानीय लोग आज़ादी की मांग कर रहे हैं। POK में इमामिया समुदाय की गिरफ्तारियों से स्थानीय जनता में भारी रोष है। इमामिया समुदाय के लोग गिरफ्तार लोगों की रिहाई की मांग कर रहे हैं। गिरफ्तार लोगों की रिहाई की मांग के साथ ही लोग आज़ादी की मांग भी करने लगे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो POK में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं।इसी कड़ी में प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त राष्ट्र की गाड़ी को घेरकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते हुए कह रहे थे-पाकिस्तान फौज वापिस जाओ वापिस जाओ, हमें चाहिए आज़ादी - We Want Azadi. कश्मीर में कत्लेआम बंद करो - बंद करो। पाक अधिकृत कश्मीर के लोग लोड शेडिंग, मंहगाई और खनन के लिए विदेशी कंपनी को खनन के लिए जमीन देने से भी नाराज हैं। स्थानीय अखबार में छपी खबर के अनुसार विरोध कर रही संस्थाओं के समर्थन में गिलगिट,स्कार्दु सहित POK  के कईं हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गये है। आपको बता दें कि अक्टूबर सन् 2005 में 13 नेताओं की गिरफ्तारियां हुई थी।एक सैन्य अदालत ने सन् 2009 में उन नेताओं को उम्र कैद की सजा सुनाई थी।जिसे लेकर अब विरोध प्रदर्शन शुरू हो गये है। इमामिया मुस्लिम समुदाय के लोग उम्र कैद काट रहे लोगों की रिहाई की मांग कर रहे हैं।

सनद रहे कि हाल में हफ्तों से पाक अधिकृत कश्मीर में प्रदर्शन जारी है। हालातों को देखते हुए सरकार ने दो महीने पहले 13 नेताओं को रिहा करने की बात मान ली थी।‌ लेकिन उन 13 नेताओं की रिहाई अभी तक नहीं की गई। लगातार जारी प्रदर्शन में हाल ही में जाफरिया समुदाय के प्रमुख आगा राहत हुसैन अल-हुसैन ने उम्र कैद की सजा पाने वाले 13 युवकों की रिहाई को लेकर चिंता व्यक्त की थी। उनकी चिंता के बाद से जाफरिया समुदाय की महिलाएं और बच्चे लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। सुत्रों की मानें तो अंजुमन -ए-इस्लामिया ने भी इस मुद्दे पर प्रदर्शन किया था।


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