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किसान करो या मरो की स्थिति में, हकों के लिए लड़ेंगे आखिरी दम तक--भगत सिंह वर्मा

 गन्ने से एक्साइज ड्यूटी के रूप में मिलते हैं ३४००० करोड़ रूपए••  गन्ने के अन्य उत्पादों से मिलते हैं एक लाख करोड़•किसानों को नहीं मिलते खोई के भी दाम••  तंग किसान करो या मरो की स्थिति में••गन्ना किसानों की लड़ाई आखरी दम तक लड़ेंगे••भगत सिंह वर्मागन्ना किसान बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक होंगे - चौधरी बख्तावर सिंह

विरेन्द्र चौधरी 

देवबंद-आज यहां ग्राम माया हेडी में पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व भारतीय किसान यूनियन वर्मा के राष्ट्रीय संयोजक भगत सिंह वर्मा व भारतीय किसान यूनियन वर्मा के प्रदेश सचिव चौधरी ऋषि पाल प्रधान गुर्जर, जाट निर्माण समिति के जिलाध्यक्ष और समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव चौधरी बख्तावर सिंह से प्रदेश के गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर लगातार दो घंटे बंद कमरे में आंदोलन को तेज करने के लिए मंत्रणा की। 

सुत्रों के अनुसार भगत सिंह वर्मा के आग्रह पर चौधरी बख्तावर सिंह जी ने जिले के सभी किसान संगठनों सभी राजनीतिक पार्टियों और सभी किसान चिंतकों से मिलकर बड़ा आंदोलन करने की हामी भरी। 

भगत सिंह वर्मा ने कहा कि किसान नेता किसान चिंतक पुराने समाजवादी नेता चौधरी बख्तावर सिंह जी गन्ना किसान बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक होंगे और उनके नेतृत्व में जिला सहारनपुर में जल्द ही किसानों की एक बड़ी रैली की जाएगी। जिसमें गन्ना किसानों की प्रमुखता से बात होगी जिसकी तैयारी आज से ही शुरु कर दी गई है। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश में सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य है और गन्ने से प्रदेश सरकार को प्रति वर्ष सीधे तौर पर एक्साइज ड्यूटी के रूप में 34000 करोड रुपए राजस्व प्राप्त होता है और अन्य उत्पादों से प्रदेश सरकार को लगभग एक लाख करोड रुपए की प्राप्तियां होती हैं। इसके बावजूद भी मेहनतकश महंगाई की मार झेल रहे कर्जमंद प्रदेश के गन्ना किसानों को सरकार और चीनी मिलें खोई के दाम भी नहीं दे रहे हैं, जिस से लगातार प्रदेश के गन्ना किसान आर्थिक संकट झेल रहे हैं। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि इस बार प्रदेश के गन्ना किसान जात बिरादरी धर्म और राजनीतिक पार्टियों से ऊपर उठकर एकजुट होकर गन्ने का लाभकारी रेट ₹600 रुपए कुंटल लेकर ही चैन से बैठेंगे। 

भगत सिंह वर्मा ने कहा कि यदि चीनी मिलों ने पिछले वर्ष का गन्ना भुगतान अविलंब न किया और प्रदेश की 120 चीनी मिलों ने पिछले वर्षों में देरी से किए गए गन्ना भुगतान पर लगा ब्याज 12 हजार करोड़ रुपए प्रदेश के गन्ना किसानों को अविलंब भुगतान ने किया गया और सरकार द्वारा गन्ने का लाभकारी रेट ₹600 कुंटल घोषित न किया गया तो सितंबर में गन्ना किसान करो या मरो की नीति पर सरकार से बड़ी लड़ाई लड़ेंगे। 

इस अवसर पर किसान नेता गन्ना किसान बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक सपा के प्रदेश सचिव जाट समिति के जिला अध्यक्ष चौधरी बख्तावर सिंह जी ने कहा की आप अपने हकों के लिए किसानों को संगठित होकर सड़कों पर आना ही होगा। बड़ा आंदोलन करने के लिए गांव गांव नुक्कड़ सभाएं और प्रचार प्रसार किया जाएगा। ऋषि पाल गुर्जर प्रधान ने कहा अब किसान संगठित होकर किसान समस्यायों के लिए सड़कों पर उतरने को तैयार हैं। ऋषि पाल प्रधान ने ये भी कहा जब तक किसानों का हक नहीं मिल जाता तब तक संघर्ष जारी रहेगा।

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