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खुशखबरी-फिर शुरू हो गयी सहारनपुर में मिनी विधानसभा-प्रभात कैफे

खुशखबरी-फिर शुरू हो गयी सहारनपुर में मिनी विधानसभा-प्रभात कैफे●●●●राजीव जुनेजा बोले सबका स्वागत है सबका इंतजार

विरेन्द्र चौधरी

सहारनपुर। नगरवासियों के लिए खुशखबरी है कि कभी सहारनपुर में मिनी 'सचिवालय' विधानसभा और प्रेस क्लब के नाम से मशहूर प्रभात कैफे पड़ित सीता राम जुनेजा जी के बाद एक लंबे समय तक बंद रहने के बाद आज पुन: शुरू हो गया है। कैफे के मालिक ने कहा हमें फिर से पुराने साथियों का इंतजार और उनके, सहयोग की जरूरत है।

प्रभात कैफे का इतिहास

सहारनपुर के घंटाघर के नजदीक उस समय प्रभात टाकिज के परिसर में स्थित प्रभात कैफे सहारनपुर का प्रमुख स्थान रहा है। इस कैफे में जिले के छोटे से बड़े नेताओं का बैठके करना, राजनीतिक चर्चा करना के अलावा किसे किस पार्टी का टिकट मिलेगा,कौन चुनाव जीतेगा कौन चुनाव हारेगा, पर खूब डिबेट होती थी। इस कैफे ने जिले को कईं विधायक और सांसद दिये है। इस कैफे हाऊस ने कभी अमीर-गरीब में फर्क नहीं किया, सबको यहां बराबर सम्मान दिया। इसी सम्मान के चलते यहां इतनी भीड़ रहती थी,कि शाम को कैफे के बाहर कुर्सियां लगानी पड़ती थी। राजनीतिक चर्चाओं के कारण यहां के लोग प्रभात कैफे को मिनी विधानसभा कहकर पुकारने लगे थे। अक्सर लोग कहा करते थे,अमुक समय विधानसभा में ही मुलाकात होगी।

प्रेस क्लब के नाम से पहचान थी प्रभात कैफे की

राजनीतिक चर्चाओं के कारण शहर के अधिकतर पत्रकार भी कैफे में जमा रहते थें। खबरों की राजनीतिक समीक्षा के लिए प्रभात कैफे सबसे मुफीद जगह थी। मुझे याद है उन दिनों मोबाइल नहीं होते थे। इसलिए बिना फोन किये यहां मुलाकात संभव रहती थी। जहां तक मुझे याद है अधिकतर नेताओं और सामाजिक संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का लगभग फिक्स सा ही टाइम था। कुछ पत्रकारों के लिए तो प्रभात कैफे ऑफिस से कम नहीं था। सत्मभकार, समाचार समीक्षक, विभिन्न समाचार पत्रों के संवाददाता हर शाम वहां पहुंचते थे। इसलिए प्रभात कैफे को प्रेस क्लब के नाम से भी जाना जाता था।

प्रभात कैफे की फिल्मी दुनिया

उस वक्त सोमपाल जी,रूप चंद शर्मा जी, गीतकार राजिन्द्र राजन्,सागर सहारनपुरी, शायर एडवोकेट प्रहलाद आतिश जैसे दिग्गज बैठकर अपनी कहानियों,शायरी,डायरेक्शन वह फिल्म निर्माण की योजनाएं गढ़ते थे। फिल्म एक्टर बनने के शौकीनों का भी यही ठिकाना था। इसलिए कभी प्रभात कैफे की मिनी फिल्म स्टूडियो के नाम से भी पहचान थी।

एक लंबे समय तक बंद रहने के कारण सपनों और संघर्ष की दुनिया वालों का यह ठीकाना छूट गया। लेकिन आज जब कैफे मालिक राजीव जुनेजा का फोन आया कि प्रभात कैफे आज शुरू हो गया। 62 साल की उम्र में भी खुद को रोक नहीं पाया,सीधा प्रभात कैफे पहुंच गया। वहां राजीव जुनेजा ने बताया कि कैफे को यथास्थिति में शुरू किया जा चुका है। जल्दी ही धीरे धीरे कैफे को पुनः मार्डन बनाया जायेगा जैसा कि फोटो में दिखाया गया है। विरेन्द्र चौधरी पत्रकार और समाज सेवी पप्पू देवला ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सभी पुराने साथियों को पुनः फिर एक जगह मिलने के लिए मौका है,हम पुराने साथियों से अपील करते हैं कि वो एक बार दोबारा प्रभात कैफे जरूर आयें।



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