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उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ तेलंगाना बन सकता है तो पश्चिम प्रदेश क्यूं नहीं--विरेन्द्र चौधरी

 उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ तेलंगाना बन सकता है तो पश्चिम प्रदेश क्यूं नहीं••हमारे पिछड़ेपन और युवा बेरोजगारी के लिए हम जिम्मेदार ••आने वाली पीढ़ियों को मुंह नहीं दिखा सकते आप••विरेन्द्र चौध

डी पी सिंह/अभिषेक जैन

सहारनपुर। पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विरेन्द्र चौधरी ने जारी ब्यान में कहा कि जब उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ तेलंगाना राज्य बन सकते है तो पश्चिम प्रदेश क्यों नहीं बन सकता। जो लोग पृथक पश्चिम प्रदेश के विभाजन में रोड़ा है,उन ताकतों को पहचानने की आवश्यकता है।

PPMM के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विरेन्द्र चौधरी ने कहा  कि मेरा मानना है और संविधान में भी कहा गया है दो से ढाई करोड़ जनता पर एक अलग राज्य होना चाहिए,अगर ऐसा नहीं है तो उस राज्य के नागरिकों को न्याय और प्रशासनिक व्यवस्था में लाभ नहीं मिल सकते जो उनके संवैधानिक अधिकार है। उन्होंने कहा अफसोस की बात है पश्चिम प्रदेश के लोग अपने अधिकारों के प्रति उदासीन है और अपने आने वाली पीढ़ियों के प्रति लापरवाह हैं। अलग राज्य बनने के बाद तेलंगाना, उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़ विकास में सबसे आगे पहुंच गये है।हम कहां खड़े हैं ? ये हमारी पीढ़ी की लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना को दर्शाता है।

      विरेन्द्र चौधरी ने कहा कि आस्ट्रेलिया की जमीनी हकीकत यह है कि उसका जमीनी रकबा भारत से बड़ा है और उसकी आबादी मात्र ३२ करोड़ है। हम उत्तर प्रदेश में ही २४ करोड़ से अधिक है। ये ही हमारे पिछड़ेपन का बड़ा कारण है। उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि अब आपको अपने अधिकारों के लिए पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के आंदोलन का हिस्सा बनना ही होगा, वरना ये समझा जायेगा पश्चिम प्रदेश का युवा अपने लिए अपनी आने वाली नस्लों को अंधेरे में रखने का जिम्मेदार है,इसके लिए आने वाली नस्लें उन्हें माफ नहीं करेंगी।

विशेष - क्रांति की गति बहुत धीमी होती है, लेकिन जिस दिन वो फूटती है उस दिन अंदाजा लगाना मुश्किल होता है। पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा का आंदोलन को सरकारें कम ना समझे। हम कहां तक पहुंच गये है सरकारों को जल्दी पता चल जाएगा।


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