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राहुल गांधी की भारत छोड़ो यात्रा ईसाई जोड़ों यात्रा है--रविदास विद्वत परिषद


सहारनपुर। रविदासी विद्वत परिषद कमिश्नरी सहारनपुर राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान तमिलनाडु के कन्या कुमारी के मुट्टीडिचन पराई चर्च मे ईसाई पादरी जार्ज पौन्या ने जिस प्रकार से सत गुरू रविदास जी के इष्टदेव व सर्व रविदासी समाज के आराध्य मर्यादापुरुषोत्तम भगवान राम व आदि शक्ति जगत जननी भगवती माता को द्वितीय दर्जे के भगवान बताया है वह सम्पूर्ण सनातन धर्म व हिन्दू मतावलम्बियो के साथ साथ रविदासी समाज का भी घोर अपमान है । रविदास विद्वत परिषद इसकी कडी निन्दा व घोर भर्त्सना करती है। 

यह तो सर्व विदित ही है कि सोनिया गांधी व उनका परिवार भारत मे ईसाई धर्म प्रचार को सर्वाधिक महत्व देते रहे है मुट्टीडिचन चर्च की इस घटना ने पुनः सिद्ध कर दिया है काग्रेस की भारत जोडो यात्रा का मूल उद्देश्य ईसाई धर्म का प्रचार प्रसार भर ही है। चुनावो के दौरान कोट के ऊपर जनेऊ पहनने वाले राहुल गांधी ने जिस प्रकार से इस विवादास्पद पादरी के द्वारा हिन्दू देवी देवताओ के अपमान पर चुप्पी साधी है वह निश्चित ही राहुल गांधी की कही पे निगाहे कही पे निशाना की नीति को स्पष्ट करता है।पहले एक विवादास्पद पादरी से भेट करना फिर उससे हिन्दू देवी देवताओ के विरुद्ध ब्यान दिलवाकर उसे प्रैस व सोशल मीडिया मे वायरल करवाना का एक मात्र लक्ष्य हिन्द धर्म का अपमान तथा एक प्रकार से ईसाई धर्म को सर्वश्रेष्ठ घोषित करने का कुत्सित प्रयास ही है। रविदास विद्वत परिषद की मांग है राहुल गांधी अविलंब इस हिन्दू विरोधी कुकृत्य के लिए देश से माफी मांगे तथा तमिलनाडु व केंद्र सरकार इस पादरी पौन्या के विरुद्ध कडी कार्यवाई करे। अन्यथा रविदास विद्वत परिषद काग्रेस के बहिष्कार का आह्वान करने को मजबूर होगी। इस अवसर पर महंत सुंदरदास महंत शेर सिंह दास महंत कवरपाल दास महंत मदनदास आदि संत उपस्थित रहे। भवदीयः महंत जगराम दास अध्यक्ष रविदास विद्वत परिषद कमिश्नरी सहारनपुर

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