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मंदिरों के पास से तमाम मस्जिदों को हटा देना चाहिए वाले ब्यान पर इन्तखाब ने कहा जब तक भारत में मुसलमान है..

आज़ाद के निशाने पर आये निषाद 

मंदिरों के पास से मस्जिदों को हटा देना चाहिए••••कैबिनैट मंत्री संजय निषाद     जब तक भारत में मुसलमान है तभी तक है आपका अस्तित्व••••एडवोकेट इन्तखाब आज़ाद 

विरेन्द्र चौधरी 

सहारनपुर। उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉक्टर संजय निषाद का एक ब्यान अखबारों में पढ़ा,जो पूरी तरह गैर संवैधानिक और पूरे तरीके से संविधान के विरोध में है।अपने स्टेटमेंट में संजय निषाद कहते हैं, मंदिरों के पास बनी मस्जिदों को हटा दिया जाना चाहिए। उनके इस स्टेटमेंट को लेकर एडवोकेट इन्तखाब आज़ाद ने उन्हें नसीहत दे डाली कि जब तक भारत में मुसलमान है,तभी तक आपका अस्तित्व है।

अपने यूट्यूब चैनल पर जारी ब्यान में एडवोकेट इन्तखाब आज़ाद ने कहा डॉक्टर संजय निषाद एक वरिष्ठ नेता है। लेकिन मुझे नहीं पता कि वो अपने बारे में जानने भी है या नहीं। उन्होंने संजय निषाद को बताया कि भारत वर्णों में बंटा एक देश है। मनु की बनाई हुई जो जातियां हैं,जो सनातन धर्म द्वारा संचालित है। उन्हें चार जगह बांटा गया है।सबसे पहले ब्राह्मण,दूसरा क्षत्रिय,तीसरा वैश्य व चौथा वर्ण शुद्र है। आज़ाद ने कहा संजय निषाद चौथे वर्ण से आते हैं। उन्होंने कहा इसमें मुझे नहीं पता वे SC ST OBC है,ये तो वो ही जानते होंगे।

एडवोकेट इन्तखाब आज़ाद ने कहा मुझे अफसोस इस बात का है कि सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए संजय निषाद जैसा व्यक्ति इतना गैर संवैधानिक-घटिया ब्यान दे सकता है कि मंदिरों के पास जितनी भी मस्जिदें हैं, उन्हें हटा दिया जाये।

इन्तखाब आज़ाद एडवोकेट ने कहा अगर भारत के धार्मिक सिस्टम का अध्ययन किया जाएं तो वर्ण व्यवस्था का जो चौथा वर्ण हैं,उस चौथे वर्ण के अंदर संजय निषाद की जाति है। एक समय उन्हें स्वर्ण जातियों द्वारा मंदिरों में प्रवेश का अधिकार ही नहीं था। बाबा अंबेडकर साहब द्वारा लिखे गये संविधान जब पार्लियामेंट में मंजूर कर लिया गया। तब संजय निषाद जैसे व्यक्ति को पढ़ने लिखने का अधिकार मिला, संपत्ति का अधिकार मिला, अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार मिला। हथियार और पक्के मकान में रहने का अधिकार मिला। उन्होंने कहा मुझे संजय निषाद की बुद्धि पर तरस आता है,जिसे मंदिर में घुसने का अधिकार नहीं, जिसके पास मंदिर प्रवेश का राइट नहीं वो आदमी सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की खातिर, अपने आप को सुर्खियों में लाने की खातिर एक बेहद घटिया ब्यान दे रहे हैं कि मंदिरों के पास से तमाम मस्जिदों को हटा दिया जाये।

 एडवोकेट इन्तखाब आज़ाद ने उन्हें नसीहत देते हुए कहा कि जब तक भारत में मुसलमान है,तब तक ही आपका अस्तित्व है। अगर देश में मुसलमान ना हो तो आप व्यवस्था के चौथे वर्ण से आते हैं। चौथे वर्ण के लोगों के मुंह के आगे हांडी,पीठ के पीछे झाड़ू और हाथ में खंडी हुआ करती थी। जो भी अधिकार आज आपके पास है उनसे महरूम थे। एडवोकेट इन्तखाब आज़ाद ने कहा संजय निषाद जी मेरा आपको मशवरा है,आप राजनीति करें, पूरे प्रदेश में अपना संगठन खड़ा करें, पूरे देश में राजनीतिक शक्ति का इस्तेमाल करें। लेकिन सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए साम्प्रदायिक भावना से ग्रस्त होकर गैर संवैधानिक स्टेटमेंट ना दें, जिससे आपकी छवि पर गलत प्रभाव पड़े।आप भारत के मूल निवासी बहुजन समाज से ताल्लुक रखते हैं। और मुसलमान भी आपकी तरह मूल निवासी बहुजन समाज से ताल्लुक रखने वाला एक बड़ा वर्ग है,इससे आप कभी अलग नहीं हो सकते। इसलिए आप सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए घटिया स्टेटमेंट ना दें।

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