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ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन करने से ही ग्राम पंचायत विकसित ग्राम पंचायत बनेंगी - मुख्य विकास अधिकारी

 

ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन करने से ही ग्राम पंचायत विकसित ग्राम पंचायत बनेंगी - मुख्य विकास अधिकारी

विरेन्द्र चौधरी 

सहारनपुर।मुख्य विकास अधिकारी/उपाध्यक्ष जिला स्वच्छता समिति श्री विजय कुमार की अध्यक्षता में जनपद की ग्राम पंचायत अधिकारियों एवं ग्राम प्रधानों की बैठक की गयी। ग्राम पंचायतों को स्वच्छता एवं कूडे के निस्तारण के संबंध में निर्देश देते हुए उन्होने कहा कि जनपद को स्वच्छता में सर्वोच्चता के लिए जरूरी है कि सभी ग्राम पंचायतें ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन करें। इसके अन्तर्गत सूखे और गीले कचरे को अलग-अलग रखा जाए। इसके साथ ही जैविक एवं अजैविक कचरा को भी अलग रखने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि इस प्रबन्धन के लिए सभी ग्राम पंचायत सचिव एवं प्रधान लोगों को जागरूक करें तथा जन सहभागिता को बढाएं।
ग्राम प्रधान को नेतृत्वकारी बताते हुए कहा कि सभी ग्राम प्रधान अपनी भूमिका को बढाएं एवं अपनी पंचायत को मॉडल पंचायत बनाने के लिए प्रयास करें। इसके महत्व को वैज्ञानिक तरीके से समझाते हुए उन्होने कहा कि तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए सोखता एवं गड्ढा निर्माण तथा तालाबों मंे गंदा पानी पंहुचने से पहले शिल्ट चैम्बर आदि का निर्माण किया जाना चाहिए।
जिला पंचायत राज अधिकारी श्री आलोक शर्मा द्वारा ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन हेतु समस्त चयनित 55 ग्राम पंचायतों के 76 राजस्व ग्रामों की कार्ययोजना का प्रस्तुतिकरण किया गया।
कार्यशाला में समस्त सहायक विकास अधिकारी पंचायत, समस्त सचिव एवं ग्राम प्रधान सहित अवर अभियन्ता तथा खण्ड स्वच्छता प्रेरक एवं जिला स्वच्छता सलाहाकार उपस्थित रहे।

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