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१०००० लीटर पानी कर रहे हो इस्तेमाल क्या आपके पास है NOC-सहारनपुर मंडल में भी हो रहा जमकर जलादोहन

 

१०००० लीटर पानी कर रहे हो इस्तेमाल क्या आपके पास है NOC••••सहारनपुर मंडल में भी जमकर हो रहा भूगर्भ जलादोहन 

डान संवाददाता 

मेरठ। क्या आप अपने संस्थान में,अपने औधोगिक इकाई में १०००० लीटर पानी इस्तेमाल कर रहे हैं। तो आपने भूगर्भ विभाग से एन ओ सी क्यूं नहीं ली। क्या आपको पता नहीं है एन ओ सी ना होने पर आप पर उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल ( प्रबंधन और विनियमन) अधिनियम -2019 की धारा-39 के अंतर्गत 2 लाख से 5 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा 6 माह से 1 वर्ष तक की जेल हो सकती है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन संस्थानों और औधोगिक इकाईयां प्रतिदिन दस हजार लीटर से अधिक पानी का दोहन कर रही हैं। उन सभी संस्थानों को भूगर्भ जल विभाग से एन ओ सी लेनी होगी। सुत्रो की मानें तो शहर के 109 होटलों को इस संबध में नोटिस भेजे गये है, जिन्हें ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा या एन ओ सी लेनी होगी।

जिलाधिकारी मेरठ दीपक मीणा के अनुसार सभी व्यापारिक संस्थान, औधोगिक व सामूहिक भूगर्भ जल उपभोक्ता व वेधन अधिकरण को 15 दिन के भीतर ऑनलाइन पंजीकरण करा अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा। जिन संस्थानों में दस हजार लीटर से अधिक पानी का उपयोग किया जाता है। उन सभी को भूगर्भ जल विभाग से एन ओ सी लेनी होगी।

जुर्माना और सजा का प्राविधान

जिला भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद से NOC सर्टिफिकेट/रजिस्ट्रेशन लिया जाना अनिवार्य है। अन्यथा उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल (प्रबंधन और विनियमन) अधिनियम- 2019 की धारा-39 के अंतर्गत दो लाख से पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा छः महीने से एक वर्ष तक का कारावास भी हो सकता है। जिन संस्थानों में भूगर्भ से प्रतिदिन दस हजार से कम पानी निकाला जाता है,वह संस्थान 15 दिन में https://niveshmitra.up.nic.in पर पंजीकरण करा एन ओ सी ले सकते हैं। उक्त जानकारी आदित्य कुमार पाण्डेय सीनियर ज्योफिजिसिस्ट भूगर्भ जल विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई।

सनद रहे सहारनपुर मंडल में भी सैकड़ों संस्थानों द्वारा भूगर्भ जल का दोहन किया जा रहा है, लेकिन किसी के पास भी अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं है,ना ही किसी अन्य विभागों द्वारा किसी तरह का प्रमाण पत्र है। ऐसे संस्थान पानी बेचकर धन्ना सेठ बनते जा रहे हैं, संबंधित अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं।

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