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घाड क्षेत्र में हुआ द्रोणाचार्य आयुर्वेदिक एजूकेशनल इंस्टीट्यूट और हॉस्पिटल का शुभारंभ-आयुर्वेद राष्ट्रीय चिकित्सा पद्धति••संत कमल किशोर

आयुर्वेद 2047-आजादी का अमृत काल और हर दिन हर घर आयुर्वेद का हुआ शुभारम्भ••••आयुर्वेद भारत की प्राचीनतम, मूल, और राष्ट्रीय चिकित्सा पद्धति-महामंडलेश्वर सन्त श्री कमलकिशोर 

विरेन्द्र चौधरी 

सहारनपुर।''आयुर्वेद 2047 - आजादी का अमृत काल'' कार्यक्रमों की श्रृंखला के अन्तर्गत आयुष मंत्रालय द्वारा ''हर दिन हर घर आयुर्वेद'' का शुभारम्भ आज सहारनपुर के गाँव खुशहालीपुर स्थित “द्रोणाचार्य आयुर्वेदिक एजूकेशनल इंस्टीट्यूट और हॉस्पिटल” द्वारा पूर्ण शास्त्रोक्त विधि से भगवान धन्वन्तरी पूजा से किया गया। डॉ देवाशीश शालिनी,डॉ प्रतिभा बहुगुणा,और डॉअनुराधा ने मंत्रोच्चार एवं शंखध्वनि के साथ  माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण किया।    

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सिद्ध योग मठ अखाड़े के महामंडलेश्वर सन्त श्री कमलकिशोर जी महाराज ने आयुर्वेद को दोयम दर्जे की चिकित्सा पद्धति कहने वालों को धिक्कारते हुए, आयुर्वेद को राष्ट्रीय चिकित्सा पद्धति की संज्ञा देते हुए कहा कि यह भारतवर्ष की मूल चिकित्सा पद्धति है। उन्होने आयुर्वेद को जन्म से लेकर मृत्यु तक की यात्रा के ज्ञान का वेद बताते हुए कहा कि विश्व की सबसे प्राचीनतम पुस्तकें यथा अग्निपुराण, गरुड़ पुराण, नारद पुराण, अथर्ववेद, ऋग्वेद हैं और इन्हीं से आयुर्वेद का जन्म हुआ है। आयुर्वेद को अथर्ववेद का उपवेद भी माना जाता है।

हॉस्पिटल के संचालक एवं निदेशक अरुण पाण्डे जी ने आदरणीय प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्रमोदी जी द्वारा ''हर दिन, हर घर-आयुर्वेद'' के उद्घोष का स्वागत करते हुए कहा कि आने वाला कालखण्ड वास्तव मे भारतवर्ष का स्वर्णिम काल होगा और हम एक बार फिर से, सभी भारतवासियों के सहयोग से विश्वगुरु के गौरव को प्राप्त करेंगे। 

वरिष्ठ दांत चिकित्सक डॉ अमनप्रीत पाण्डे ने कार्यक्रम की अध्यक्षा पद पर बोलते हुए आयुर्वेद की श्रेष्ठता को सिद्ध करते हुए इसके विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला।  

डॉ हर्ष ने आयुर्वेद को पूर्ण विज्ञान बताते हुए कहा कि पुराणों और वेदों मे वर्णित कथन जिन्हें आधुनिक वैज्ञानिक और डॉक्टर पहले कपोल-कल्पित कहानियाँ कह कर उपहास उड़ाते थे, आज अपने ही वैज्ञानिक मापदण्डों की कसौटी पर परखने के बाद उनकी सत्यता को स्वीकारने लगे हैं। कई देशों ने महऋषि सुश्रुत को “फादर ऑफ सर्जरी ”तथा महऋषि चरक को “फादर ऑफ मैडिसिन” के रूप मे स्वीकार कर अपने मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल मे उनकी मूर्तियाँ स्थापित की हैं। 

इस अवसर पर महामंडलेश्वर सन्त श्री कमलकिशोर जी महाराज ने द्रोणाचार्य आयुर्वेदिक एजूकेशनल इंस्टीट्यूट और हॉस्पिटल के निदेशक अरुण पाण्डेजी को पुस्तकालय हेतु अग्निपुराण, गरुड़ पुराण, नारद पुराण भेंट किए। सन्त श्री कमलकिशोर जी ने कॉलेज प्रांगण मे स्थित “नवग्रह-वाटिका” और वनस्पति-उद्यान मे लगे पेड़–पौधों का निरीक्षण किया और उनके गुण-धर्म, वीर्य, विपाक, प्रभाव के विषय पर सभी विद्यार्थियों को विस्तार से जानकारी दी। 

वरिष्ठ समाजसेवी श्रीमती कृष्णा पाण्डे ने आशीर्वाद देते हुए सभी के उज्जवल भविष्य की कामना की और मुख्य अतिथि के साथ सामूहिक रूप से कॉलेज के वर्ष  2022 के प्रोस्पेक्ट्स का विमोचन किया।  

कार्यक्रम मे मुख्य रूप से निखिल साहू, श्रेयांश, अंकित करणधार, गुलाम जिलानी ,फैजान, काजल शर्मा, शिफा नाज़, मानसी चौधरी, आयशा चौधरी, उत्कर्ष, गौतम, मोहम्मद आकिब , साकिर अली, रहमत कलीम की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।     

नमस्कार पश्चिम प्रदेश, पश्चिम प्रदेश बनने तक संघर्ष जारी रहेगा। विरेन्द्र चौधरी वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आंदोलन से जुड़ने के लिए संपर्क करें- 9710201834--8057081945

                                            

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