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दिमागी बुखार में क्या करें क्या ना करें,128 व्यक्तियों में डेंगू की पुष्टि 150 बैंड पड़े खाली --डॉक्टर शिवा़का गौड

 

डेंगू के रोगियों केा चिकित्सीय सुविधा में न हो लापरवाही••सरकारी चिकित्सालयों में संस्थागत प्रसव बढाने के लिए बनाए रणनीति••आशा और एएनएम डोर-टू-डोर विजिट में न करें लापरवाही

विरेन्द्र चौधरी 

सहारनपुर।जिलाधिकारी श्री अखिलेश सिंह की अध्यक्षता में सांय 04ः00 बजे कलेक्ट्रेट  सभागार में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत गठित जिला स्वास्थ्य समिति एवं राष्ट्रीय वैक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम की समीक्षा बैठक की गयी। बैठक में जिलाधिकारी ने मातृत्व सुरक्षा योजना, बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, नियमित टीकाकरण, परिवार नियोजन कार्यक्रम, संचारी रोग, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना आदि की समीक्षा की।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को डेंगू, मलेरिया एवं चिकुनगुनिया इत्यादि संक्रामक रोगों के बचाव एवं रोकथाम हेतु बेहतर कार्ययोजना बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि संक्रामक रोगों की पुष्टि होने पर ग्राम प्रधान, आशा, आंगनवाडी के द्वारा सोर्स रिडक्सन जल से भरे स्रोत, नालियों में एण्टीलार्वा का छिड़काव व गांव में फांगिंग करायी जाये। ग्राम स्तर पर साफ-सफाई, हाथ धोना, शौचालय की सफाई तथा घर से जल निकासी हेतु जन-जागरण के लिये प्रचार प्रसार, प्रधान वी0एच0एस0एन0सी0 के माध्यम से संक्रामक रोग, दिमागी बुखार के रोकथाम हेतु ‘‘ क्या करें क्या न करें‘‘ का सघन प्रचार-प्रसार किया जाये। उन्होने सख्त निर्देश दिए कि डेंगू से संबंधित रोगियों को एडमिट करने उनकी देखभाल में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
इस अवसर पर नोडल अधिकारी संचारी रोग डॉ0 शिवांका गौड ने बताया कि डेंगू को लेकर 254 कैम्प लगाए जा चुके है एवं इसके लिए फतेहपुर में डेडिकेटेड अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में बैड को रिजर्व रखा गया है। आज तक कुल 150 बैड खाली है एवं 128 व्यक्तियों में डेंगू की पुष्टि हुयी है। इसके तहत नगर निगम एवं जिला पंचायत राज विभाग द्वारा निरंतर साफ-सफाई एवं फॉगिंग करवाई जा रही है।
समीक्षा के दौरान उन्होने निर्देश दिए कि आशा और एएनएम की विजिट बढाए जाने एवं सरकारी अस्पतालों में संस्थागत प्रसव को बढाने के लिए आशा पर निगरानी रखने एवं उनको लक्ष्य के अनुरूप कार्य करने के निर्देश दिए। प्राइवेट अस्पतालों पर हो रहे प्रसव के संबंध में अवगत होने के बाद उन्होने निर्देश दिए कि चिकित्सक इसके बेहतर करने की रणनीति बनाएं ताकि सरकारी अस्पतालों में इसको बढाया जाए। जो दवाएं उपलब्ध नहीं है उस संदर्भ में जिलाधिकारी स्तर से शासन को पत्र भिजवाने के साथ ही टीकाकरण कार्यक्रम को लक्ष्य के अनुरूप करने के निर्देश दिए। उन्होने हेल्थ एटीएम को यथाशीघ्र क्रियान्वित करने एवं मंत्रा पोर्टल पर डाटा की इन्ट्री समय से और सही करने के निर्देश दिए।
टी0बी0 के संबंध में गोद लिये जाने वालों की संख्या को बढाया जाए और नियमानुसार समय से उनको किट उपलब्ध करवायी जाए। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो तथा टी0बी0 संबंधित सफलता दर को बढाने के प्रयास किये जाएं। नेशनल तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत निर्देश दिए कि इस संबंध मंे जन-जागरूकता बढायी जाए।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत बालकों के स्वास्थ्य परीक्षण में तेजी लाई जाए। इसी प्रकार राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम जो कि 11 से 19 वर्ष के किशोरों के लिए समर्पित है, इसके तहत किशोरों में होने वाली चिकित्सीय दिक्कतों के निस्तारण के लिए काउंसलिंग के उपरान्त चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध है। उन्होने निर्देश दिए कि इस कार्यक्रम का स्कूलों के माध्यम से अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार कराया जाए।
बैठक में मुख्य चिकित्साधिसकारी डॉ0 संजीव मांगलिक, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ0 शिवांका गौड, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती आशा त्रिपाठी तथा समस्त सीएचसी एवं पीएचसी से चिकित्सक मौजूद रहे।

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