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सरकार निजी स्कूलों की मदद नहीं करती तो हम सरकारी आदेश मानने को बाध्य नहीं-अशोक मलिक

 


सरकार निजी स्कूलों की मदद नहीं करती तो हम सरकारी आदेश मानने को बाध्य नहीं हो सकते••यदि बच्चों से फीस नहीं लेंगे तो वेतन कहां से देंगे जवाब दे जिला प्रशासन व सरकार डॉ अशोक मलिक 

विरेन्द्र चौधरी/अतुल शर्मा 

सहारनपुर। 11 दिसंबर 2022 गंगोह रोड स्थित चंद्र विहार कॉलोनी के द ग्रेट सनराइज पब्लिक स्कूल में उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त विद्यालय शिक्षक संघ की आकस्मिक कोर कमेटी की बैठक जिला अध्यक्ष श्री के पी सिंह के अध्यक्षता व संचालन महामंत्री हंस कुमार के संचालन में संपन्न हुईने 

       बैठक में जिलाधिकारी महोदय सहारनपुर के द्वारा दिए गए बयान कि फीस न देने वाले बच्चों को स्कूलों से बाहर नहीं निकाल सकते कार्रवाई करने की धमकी पर आक्रोश जाहिर किया और एक सुर में कहा कि निजी स्कूलों के शिक्षकों को बच्चों से फीस लिए बगैर वेतन कहां से दिया जाए

              बैठक को संबोधित करते हुए शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अशोक मलिक ने कहा की बड़गांव के दिव्या पब्लिक स्कूल के प्रबंध समिति द्वारा बिना फीस के बच्चों को बाहर निकालने पर जिलाधिकारी महोदय ने गैर जिम्मेदाराना बयान पर निजी स्कूलों संचालकों में आक्रोश पैदा हुआ जिला जिलाधिकारी महोदय का कइना कि बिना फीस के बच्चों को घर नहीं भेज सकते सवाल बड़ा है की बिना फीस के हम वेतन कहां से दे और वेतन देने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन व सरकार ले तो हम बिना फीस के बच्चों को पढ़ाने के लिए तैयार हैं पिछले 4 वर्षों से आरटीई के अंतर्गत 25% बच्चों को निशुल्क  शासन के प्रावधान  के अनुसार पढ़ा रहे हैं लेकिन अब हम उधार में बच्चों को नहीं पढ़ाएंगे 

दूसरा भारत सरकार की अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति का डाटा सरकार ने रात को 12:00 बजे  अपने पोर्टल से डिलीट कर दिया है जो बच्चे गरीब दुर्बल वर्ग के थे फीस प्रतिपूर्ति आने के बाद ही संस्थान की फीस देते थे इस प्रकार बच्चों की फीस देने का रास्ता सरकार ने बंद कर दिया है तो निजी स्कूल संस्थान के पास में स्कूलों से बच्चों बाहर निकालने के अलावा दूसरा रास्ता नहीं बचता है जो गरीब दुर्बल वर्ग के बच्चे फीस देने में सक्षम नहीं है जिलाधिकारी महोदय उन बच्चों को सरकार के द्वारा संचालित परिषदीय स्कूलों में प्रवेश कराने का काम करें बल्कि निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने की धमकी देना गैर जिम्मेदाराना है जब हमे सरकार कोई आर्थिक राहत न कोई अनुदान देती है कोरोना काल में 2 वर्ष स्कूल बंद रहे आर्थिक राहत पैकेज मांगा नहीं दिया कक्षा 1 से कक्षा 8 की छात्रवृत्ति बंद की है  त्रिभाषा संस्कृत अनुदान बंद कर दिया है मदरसा आधुनिकीकरण का मानदेय दिया जाता था वह बंद कर दिया है कोई मदद  निजी शिक्षण संस्थानों की नहीं करती बहुत से निजी स्कूल बंद हो चुके हैं और बहुत से बंद होने के स्थिति में  हैं और निजी स्कूल संचालक व शिक्षक भुखमरी के कगार पर हैंतो हम सरकार के आदेश मानने के लिए बाध्य नहीं हो सकते

जिला अध्यक्ष के पी सिंह व महामंत्री हंस कुमार ने कहा सरकार बजट का हवाला देकर सारी योजनाओं को बंद कर दी जा रही है यदि सरकार के पास बजट नहीं है दिवालिया घोषित सरकार है तो विधायक सांसद मंत्री गण एक एक  माननीय 8-8 पेंशन ले रहे हैं उनकी पेंशन पंजाब सरकार की तरहबंद कर देनी चाहिए और माननीय की पेंशन से तमाम निजी स्कूलों सभी योजनाएं बहाल होने के बाद भी हजारों करोड रुपए बच सकता है जो विकास के अन्य कार्य में लगाया जा सकता है शिक्षा विभाग में अमूलचूल परिवर्तन हो जाएगा और शिक्षित देश विकसित देश विकासशील देशों में हमारे देश का नाम प्रथम पंक्ति में होगा और विश्व में दोबारा सोने की चिड़िया कहलाने वाला भारत देश बन जएगा।

  बैठक को दिनेश रूपड़ी प्रीतम सिंह भोपाल सिंह ने दीपक शर्मा गौरव शर्मा प्रदीप कुमार कुलदीप कुमार प्रवीण डोगरा पुष्कर शर्मा अतुल कुमार आदि ने संबोधित किया ।


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