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मरू प्रदेश के लिए ऊंटों की महायात्रा-बॉर्डर के जिलों से राजधानी की दूरी होने के वजह से प्रशासनिक भ्रष्टाचार बढा-बार्डर के जिलों में तस्करों माफियाओं ने बना लिए अड्डे-जंयत मुंड

मरुप्रदेश ऊँटों की महायात्रा का छठा दिन••प्रदेश के जयकारों से गूँजमान मरुधरा••23 जनवरी को श्रीगंगानगर से शुरु हुई यात्रा को आज छठा दिन••700+ किमी. लंबी व 17 दिन बाद 07 फरवरी को जयपुर पहुँचेगी


विरेन्द्र चौधरी 

श्री दिल्ली।राजस्थान में पश्चिमी बॉर्डर के 13 जिलों को अलग प्रदेश बनाने की मांग  अब लहर बन गयी है। राजस्थान के पश्चिमी जिलों के गांव- गांव में अलग राज्य की मांग को समर्थन मिल रहा है। बुजुर्गों से लेकर बच्चे, महिलाएं सड़कों पर आकर मरुप्रदेश आंदोलन का समर्थन कर रही है। मरुप्रदेश ऊँटों की महायात्रा छठे दिन अर्जनसर से लूणकरणसर के लिए निकली जिसका महाजन,हरियासर में जबरदस्त स्वागत हुआ। महाजन के मुख्य अड्डे पर बालाजी जीप टैक्सी यूनियन व ग्रामीणों ने सैकड़ो की संख्या में स्वागत किया,फूल बरसाए व माला-साफा से स्वागत किया।

महायात्रा के प्रमुख जयन्त मूण्ड ने बताया कि मरुप्रदेश निर्माण की मांग व 13 जिलों की 33 सूत्रीय मांगो को लेकर मरुप्रदेश ऊँटों की महायात्रा की जा रही है। राजस्थान बहुत बड़ा प्रदेश है जिसके कारण राजधानी से दूर इलाको का विकास नही हो रहा है। मरुप्रदेश के 13 जिलों की जनता आजादी के इतने वर्षों बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रही है। यह यात्रा 05 जिलों श्रीगंगानगर से शुरुआत करके हनुमानगढ़,बीकानेर,चुरु,सीकर के 22 विधानसभाओं से गुजर कर जयपुर पहुँचेगी व मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे। यात्रा को जबरदस्त समर्थन गांवों के हर अड्डे पर मिल रहा है। इस यात्रा के बाद राज्य सरकार यदि मांगे नही मानती तो मरुसेना संगठन 23 मार्च को शहीदे आजम भगत सिंह के शहीदी दिवस को जयपुर से श्रीगंगानगर तक सड़क बंद करवाएंगे। गांवों की लोग व बॉर्डर के जिलों से राजधानी के दूरी होने के वजह से प्रशासनिक भ्रष्टाचार बढ़ गया है। प्रशासन की शह पर माफियां पनप गया है। बॉर्डर के जिलों में बाहर के गैंगस्टरों, तस्करों ने ठिकाने बना लिए है। गांव-देहात मुलभुत आवश्यकताओं को तरस रहा है।

यात्रा के प्रभारी मनिन्दर सिंह मान ने बताया कि पंजाबी सूबे की मांग भी बूढ़ा जोहड़ गुरुद्वारा से उठी थी वही हरियाणा प्रदेश की मांग करने वाले चौधरी देवीलाल जी भी श्रीगंगानगर से जन्म लेकर इस आंदोलन की शुरुवात की थी। इस प्रदेश खातिर कुर्बानी भी देनी पड़ी तो वो भी देंगे लेकिन हक लेकर रहेंगे। किसान आंदोलन के 700 से अधिक शहीदों की याद में 700+ किमी की ये यात्रा रहेगी।


मरुप्रदेश निर्माण मोर्चा अध्यक्ष जयवीर गोदारा ने बताया कि वो 25 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय पदों पर रहे,लोकसभा का चुनाव भी लड़ा लेकिन एक बार पल्लू गांव की जनसभा में पानी के लिए तरसे लोगो व महिलाओं को देखा उसके बाद 13 साल से इस प्रदेश के लिए आंदोलन लड़ रहे है। हमारे मोर्चे ने इससे पूर्व भी बीकानेर से जयपुर तक बड़ी ऊँटों की महायात्रा की थी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी से भी मुलाकात करके ज्ञापन दे चुके है। प्रदेश की हालत बहुत खराब है,तहसील तक भी प्रशासन नही पहुँच पा रहा है। प्रदेश में गुंडाराज व भ्रष्टाचार फैला हुआ है। हमारी जमीन से देश को 27% तेल मिल रहा है,14.67% देश को खनिज मिल रहा है,देश की सबसे ज्यादा बिजली बना रहे है लेकिन जनता को हरियाणा व पंजाब के मुकाबले मंहगी बिजली व तेल मिल रहा है। नहरों के पानी के लिए आये दिन किसान आंदोलन कर रहे है। बेरोजगार पेपर लीक से दुःखी है,रोजगार के लिए देश विदेश में जाना पड़ रहा है। जब तक छोटा राज्य नही बनेगा तब तक विकास की उम्मीद करना नाइंसाफी है।

पूर्व उपसरपंच हरिराम शर्मा  ने बताया कि मरुप्रदेश के साथ सरकारें भेदभाव कर रही है। देश का सबसे ज्यादा तेल उत्पादन के बाद मरुप्रदेश के बॉर्डर के जिलों में राजधानी से 04 रुपये महंगा तेल दिया जाता है। नहरों में हक़ का पानी नही मिल रहा उसके लिए संघर्ष के बदले गोलियां मिलती है। जयपुर से मुख्यमंत्री जब इलाके में आता है तो ऐसे लगता है कि भगवान ने अवतार लिया हो। जब तक प्रदेश नही बनेगा तब तक संघर्ष करेंगें । बीकानेर के सरपंचों व जनप्रतिनिधियों से मिलकर इस आंदोलन को तेजी देंगें।

इस यात्रा में मरुप्रदेश निर्माण मोर्चा के युवा मोर्चा से महिपाल महला,अमनदीप गोदारा,प्रिंस कुलड़िया,गुरलाल सिंह बरार,बलकरण सिंह खारा चक,संदीप सिंह बीकेयू श्रीगंगानगर,कैलाश गौड़,जीवन खां, राजेन्द्र नाई, इन्द्रप्रीत आचार्य समेत सैकड़ो नोजवान व बुजुर्ग जनजागृति करते हुए चल रहे है।

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