पश्चिम प्रदेश बनेगा किसान खुद तय करेगा अपनी फसलों का रेट-विरेन्द्र चौधरी••••जिस दिन भीड़ से निकला पहला आदमी वक्ता बन गया उस दिन पश्चिम प्रदेश बन जायेगा जन आंदोलन--एडवोकेट प्रदीप वर्मा••••पश्चिम प्रदेश आंदोलन राजनितिक नहीं सामाजिक है लोगों में विश्वास पैदा करना होगा--लोकेश सलहारपुरी बलबीर सिंह तोमर
डी पी सिंह/अतुल शर्मा
सहारनपुर।अलग राज्य पश्चिम प्रदेश निर्माण को लेकर आज पश्चिम प्रदेश निर्माण मोर्चा व पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के तत्वावधान में एक संयुक्त बैठक हुई जिसमें अलग राज्य के लिए चल रहे आंदोलन पर विचार मंथन किया गया।
इस अवसर पर अपने विचार हुए पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा व पश्चिम प्रदेश निर्माण संयुक्त मोर्चा के विरेन्द्र चौधरी पत्रकार ने कहा कि देश में प्रतिवर्ष लगभग 50 हजार लाख टन से अधिक अन्नाज खाया जाता है।जिसका उत्पादन तो किसान करता है लेकिन उसका रेट तय करती है सरकारें। चौधरी ने कहा सबसे बड़ा उधोग खेती उधोग है और सरकारों ने हमेशा किसानों को उपेक्षित रख गुलाम बना रखा है। सरकारें ऐसी नीतियां लाती है कि किसान कर्ज में डूबे कर उलझा रहे। उन्होंने कहा जिस दिन किसानों को उनकी फसलों का रेट तय करने का अधिकार मिल जायेगा,उस दिन देश की तस्वीर और तकदीर बदल जायेगी। लेकिन सरकारें किसानों मजदूरों आम आदमी के लिए नीतियां नहीं बनाती, नीतियां उधोगपतियों के लिए बनाती है। विरेन्द्र चौधरी पत्रकार ने कहा पश्चिम प्रदेश बनने के बाद यह पहला प्रदेश होगा,हम ऐसी नीतियां लागू करवायेंगे जहां किसान खुद अपनी फसलों का रेट तय करेगा। इसलिए किसानों को पश्चिम प्रदेश आंदोलन से जुड़ना चाहिए।
पश्चिम प्रदेश निर्माण मोर्चा के जिला अध्यक्ष एडवोकेट प्रदीप वर्मा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अलग राज्य के लिए जन आंदोलन खड़ा करना होगा। उन्होंने आंदोलित संगठनों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि अभी तक जितने भी संगठन है,उनके उच्च पदाधिकारी है-बैठक हो या मंच,चंद लोगों के अलावा किसी को बोलने का मौका नहीं देते। श्रोता हो या संगठन के कार्यकर्त्ता के मन की बात मन में यह जाती है,वो संगठन से दूरी बना लेता है। प्रदीप वर्मा ने कहा जब तक हम आम आदमी के उदगार उसके अंदर की आग को बाहर नहीं निकालेंगे तब तक वो पश्चिम प्रदेश आंदोलन से दिल से नहीं जुड़ सकेगा। जिस दिन पहला श्रोता "भीड़ से निकला आम आदमी" वक्ता बन गया,उस दिन जन आंदोलन की शुरुआत हो जाएगी। फिर पश्चिम प्रदेश के गठन को कोई नहीं रोक सकता।एडवोकेट प्रदीप वर्मा ने कहा शर्त यह है कि सभी संगठनों के नेता आम कार्यकर्ता को,आम नागरिक को आगे लायें। उन्होंने कहा इसके लिए स्वार्थों की नहीं त्याग की राजनीति की जरूरत है।
लोकेश सलहारपुरी व बलबीर सिंह तोमर ने संयुक्त बयान में कहा कि पश्चिम प्रदेश आंदोलन आज तलक आंदोलन क्यूं नहीं बन पाया ? इसके पीछे क्या कारण है, इस पर चिंतन मनन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा अभी तक आंदोलन को नेताओं ने चुनाव जीतने के लिए इस्तेमाल किया बाद में भूला दिया। इसलिए अब हर नागरिक आंदोलन से दूरी बनाए हुए हैं। लोकेश सलहारपुरी पुराने आंदोलनकारी ने कहा कि नागरिकों में चेतना जागृत करनी होगी, उन्में विश्वास जगाना होगा कि ये आंदोलन राजनितिक नहीं सामाजिक आंदोलन है। पश्चिम प्रदेश प्रहरी बलबीर सिंह तोमर ने कहा कि हमें युवा शक्ति को जोड़ना चाहिए, उन्हें नये राज्य बनने से युवाओं को क्या-क्या लाभ होगें, समझाना होगा। उन्होंने कहा जब तक युवा सड़कों पर आने को तैयार नहीं होगें तब तक जन आंदोलन खड़ा करना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा आप लोग जहां भी बैठे वहां पश्चिम प्रदेश के फायदों की चर्चा करें।
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